मैंने “नरक” के बारे में केवल सुना और पढ़ा हैं। मैं सौभाग्यशाली हूँ कि “नरक” का अनुभव प्राप्त नहीं किया हैं। लेकिन मुस्लिम विधि की दो प्रथाएँ मुस्लिम महिलाएं को प्रत्येक दिन “नरक” का अनुभव कराती रहती है। येँ दोनों प्रथाएँ निम्नलिखित हैं:-
1॰ “एक साथ तीन तलाक”
2. “बहुविवाह”
“एक साथ तीन तलाक” तो समाप्त हो गया है। मेरा मानना है कि मुस्लिम समाज की बेहतरी के लिए बहुविवाह प्रथा को भी समाप्त करना होगा।
बहुविवाह :-
यानि एक ही छत के नीचे, एक ही बिस्तर पर एक साथ चार-चार पत्नी रखने की घिनौना प्रथा को भी समाप्त करना ही होगा क्योकि यह समानता के सिधान्त का उलंघन करता है। जब कोई पत्नी एक साथ चार-चार पति नहीं रख सकती है, तो फिर पति को भी यह अधिकार नहीं मिलना चाहिए।
(यह मेरा व्यक्तिगत विचार है)
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