• Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Menu
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Search
Close
Home Judgement

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
January 7, 2023
in Judgement
0
संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp

केरल हाइकोर्ट ने जयदेवी बनाम नारायण पिलाई व अन्य के मामले में व्यवस्था दिया है कि यदि वसीयत दो या दो से अधिक व्यक्ति द्वारा संयुक्त रूप से निष्पादित की गई है और उसमें से किसी एक की मृत्यु हो जाती है तब केवल मृत वसीयतकर्ता की संपत्ति ही प्रभावी होगी। जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर वसीयत प्रभावी नहीं होगी।

उपरोक्त वसीयत के वसीयतकर्ता पति और पत्नी थे और वसीयत के अनुसार जीवित वसीयतकर्ता को वसीयत के किसी भी प्रावधान को बदलने का अधिकार नहीं था। इस खंड के अनुसार वह वसीयत अंतिम था और उसमें संशोधन करने का हक किसी भी पक्षकार को नहीं था। वसीयत के अनुसार वसीयतकर्ता को वसीयत की भूमि को बेंचने का हक भी नहीं था। विवाद तब उत्पन्न हुई जब एक वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद दूसरे वसीयतकर्ता ने वसीयत की भूमि में से अपना हिस्सा बेंच दिया। वादी ने उक्त विक्रय पत्र को न्यायालय में चुनौती दिया था। वादी का तर्क था कि वसीयत में की गई व्यवस्था के उल्लंघन में विक्रय-पत्र निष्पादित किया गया था अतः विक्रय शून्य है।   परंतु न्यायालय ने वादी के तर्क को नकार दिया और कहा, कि “जीवित वसीयतकर्ता को अपनी मृत्यु तक संपत्ति को अपने अनुसार व्यवस्था करने का पूरा अधिकार है।  न्यायालय ने व्यवस्था दिया कि वसीयत में शामिल खंड जीवित वसीयतकर्ता को किसी एक वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद वसीयत को संशोधित करने का कोई अधिकार नहीं होगा, केवल वसीयतकर्ता की संपत्ति के संदर्भ में समझा जाना चाहिए। यदि कोई वसीयतकर्ता कोई संशोधन करना चाहता है, तो यह उनके जीवनकाल के दौरान संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए। कानून के अनुसार  “इन दो खंडों की व्याख्या भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 82 के अधीन की जानी है। यानि वसीयत के किसी खंड का अर्थ सम्पूर्ण वसीयत से निकाला जाएगा  और उसके प्रत्येक भाग को एक साथ पढ़ा और समझा जाना है, न कि अलग-अलग-अलग। न्यायालय ने व्यवस्था दिया कि जीवित वसीयतकर्ता द्वारा अपने जीवनकाल में अपनी संपत्ति का विक्रय करने का पूरा हक था अतः विक्रय पत्र कानूनी रूप से वैध था।

दिलीप कुमार
संपत्ति और परिवार के अधिवक्ता

RFA NO. 628 OF 2004 (C) Kerala High Court

 

Adv. Dilip Kumar

  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp
Previous Post

Full Stop No. 22/2022 (Family – Dispute)

Next Post

Full Stop No. 01/2023 (Family – Dispute)

Adv. Dilip Kumar

Adv. Dilip Kumar

Next Post
Full Stop No. 01/2023 (Family – Dispute)

Full Stop No. 01/2023 (Family – Dispute)

Discussion about this post

Cases Resolved by the DE

Full-Stop No. 18/2025 (Family-Dispute)

Full-Stop No. 18/2025 (Family-Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
May 6, 2025
0

Dispute-Eater Run & managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Full Stop No. 17/2025 (Property – Dispute)

Full Stop No. 17/2025 (Property – Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
April 11, 2025
0

Dispute-Eater Run and managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Full-Stop No. 16/2025 (Family-Dispute)

Full-Stop No. 16/2025 (Family-Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
April 3, 2025
0

Dispute-Eater Run & managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Load More

Latest Articles on DE

“बेटी से बहू तक की यात्रा”

“बेटी से बहू तक की यात्रा”

by Adv. Dilip Kumar
May 24, 2025
0

शादी के कुछ ही दोनों बाद विवाद हो गया। कारण...

कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार।

कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार।

by Adv. Dilip Kumar
April 21, 2025
0

"कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार" भारत में...

दाम्पत्य संबंध या तलाक, किधर जा रहे है आप।

दाम्पत्य संबंध या तलाक, किधर जा रहे है आप।

by Adv. Dilip Kumar
April 6, 2025
0

लिषा, एक सुंदर और बुद्धिमान लड़की, का जन्म मुजफ्फरपुर जिले...

Judgement from the Court

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

January 7, 2023
बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

September 19, 2022
नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

November 24, 2021
Load More
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Facebook Twitter Youtube Linkedin
© 2019-2022 – Dispute Eater

Run & Managed by – RAM YATAN SHARMA MEMORIAL TRUST®

made with love at Ambit Solutions (7488039982)
WhatsApp chat