यदि निचली न्यायालय ने पति/पिता को यह आदेश दिया है कि वह अपनी पत्नी/संतान का भरण पोषण करें तो ऊपर के न्यायालय द्वारा सामान्यतः भरण–पोषण का आदेश स्थगित नहीं किया जा सकता है. केवल विशेष परिस्थितियों में ही उपर के न्यायालय को भरण–पोषण का आदेश स्थगित करने का अधिकार होगा. यह आदेश माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 16.09.2019 को Criminal Appeal No. 399/2019 में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसला को पलटते हुए पारित किया है, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिना किसी वैध कारण के निचली न्यायालय द्वारा पारित भरण–पोषण के आदेश को स्थगित कर दिया था.
Full Stop No. 27/2024 (Family – Dispute)
Dispute-Eater Run & Managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...
Discussion about this post