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जुदाई से एकता की ओर यात्रा।

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
July 26, 2025
in Latest Articles
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जुदाई से एकता की ओर यात्रा।
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हँसते हुए इस जोड़ी के चेहरे पर जो मुस्कान झलक रही है, वह “डिस्प्यूट-ईटर” के वर्षों की मेहनत, धैर्य और समर्पण का साक्षात परिणाम है।

यह दोनों एक मल्टीनैशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत अप्रवासी भारतीय (NRI) हैं और वर्तमान में सिंगापुर में निवास कर रहे हैं। दोनों एक-दूसरे को विवाह से पूर्व से ही जानते थे। उन्होंने अपने-अपने परिवारों को इस संबंध की जानकारी दी और परिजनों की सहमति से बेंगलुरु में उनका विवाह सम्पन्न हुआ। विवाह के पश्चात दोनों सिंगापुर चले गए।

कुछ समय बाद उनके वैवाहिक जीवन में मतभेद उत्पन्न हो गए।

प्रारंभ में पत्नी ने डिस्प्यूट-ईटर से संपर्क किया। उसने संबंधों को पुनः स्थापित करने हेतु सहयोग मांगा और अपने पति का मोबाइल नंबर भी साझा किया। डिस्प्यूट-ईटर ने पति से संपर्क करने का प्रयास किया, किंतु प्रारंभिक प्रयास निष्फल रहे।

कुछ समय पश्चात, पति ने स्वयं डिस्प्यूट-ईटर से संपर्क किया, लेकिन उद्देश्य अलग था, वह अब तलाक की प्रक्रिया में सहयोग चाहते थे।

पति का कहना था कि पत्नी अत्यधिक क्रोधित हो जाती है और गुस्से की अवस्था में बहुत कुछ बोल जाती है, जो नहीं बोलना चाहिए , यही उनके बीच तनाव का मूल कारण है।
वहीं पत्नी का कहना था कि उसे समस्या अपने पति से नहीं, बल्कि उनके पारिवारिक सदस्यों से है। उसके अनुसार, पति के परिजनों ने उसे शुरू से ही स्वीकार नहीं किया और वे दोनों को एक साथ नहीं देखना चाहते।

दोनों पक्षों की विस्तृत बातें सुनने और गहराई से समझने के बाद डिस्प्यूट-ईटर  इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि यह मामला तलाक का नहीं, बल्कि रिश्तों के पुनर्निर्माण का है।

डिस्प्यूट-ईटर ने पत्नी को यह बात शांतिपूर्वक समझाई और निवेदन किया कि वह कुछ समय के लिए डिस्प्यूट-ईटर से सीधे संपर्क में न रहे। डिस्प्यूट-ईटर को आशंका थी कि इस कथन पर पत्नी को संदेह हो सकता है, इसलिए उसने अपनी टीम की एक महिला काउंसलर को उसकी नियमित संवाद में रहने का निर्देश दिया। साथ ही, कानूनी दृष्टिकोण से मार्गदर्शन हेतु एक योग्य अधिवक्ता का संपर्क नंबर भी प्रदान किया, जिससे पत्नी का डिस्प्यूट-ईटर के प्रति विश्वास बना रहे।

इस बीच, डिस्प्यूट-ईटर पति के सतत संपर्क में बना रहा। आपसी संवाद, धैर्य और विश्वास के साथ स्थितियाँ धीरे-धीरे सकारात्मक होती गईं  और अंततः वह दिन आया, जब दोनों के बीच चल रहे विवाद का पूर्ण-विराम  हो गया।

आज यह मुस्कुराता हुआ चेहरा सिर्फ एक फोटो नहीं, बल्कि उस निःस्वार्थ प्रयास, गहरी समझदारी और रिश्तों को बचाने की भावना का जीवंत प्रतीक है, जिसे “डिस्प्यूट-ईटर” वर्षों से निष्ठा के साथ निभा रहा है।

इस विवाद का पूर्ण विवरण डिस्प्यूट-ईटर के वेबसाईट पर फूल स्टॉप न० 22/2025 के रूप में वर्णित है।

✍ डिस्प्यूट-ईटर

 

Adv. Dilip Kumar

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