यह कहानी एक पीड़ित पति राजू, सुंदर पत्नी रूपा, धनवान पड़ोसी रौशन और 09 वर्ष की लड़की दीपा की है (सभी नाम काल्पनिक है)। राजू और रूपा का परिवार शहर में रहता था। रूपा सम्पन्न परिवार में पैदा हुई थी जबकि राजू गरीब परिवार में। राजू अगरी जाति में पैदा हुआ था जबकि रूपा पिछड़ी जाति में। पढ़ाई के शिलशीले में दोनों एक दूसरे के नजदीक आए। रूपा बहुत ही सुंदर लड़की थी, उसकी सुंदरता के कारण ही राजू, रूपा के करीब आया था। दोनों एक दूसरे की ओर आकर्षित हुए और अंततः शादी करने का फैसला ले लिया। दोनों के माता-पिता शादी के लिए सहमत नहीं थे। परंतु दोनों अपने शहर से हजाड़ो किलोमीटर दूर भाग कर शादी कर लिया और वही एक कमरा लेकर रहने लगे। पत्नी काफी सुंदर थी और पति बेरोजगार था। दोनों की उम्र भी कम थी। बेरोजगार पति रोजगार की तलाश में था, उसे नहीं मालूम था कि उन दोनों के जीवन में भारी मुसीबत आने वाली है। दरअसल दोनों दम्पत्ति जिस मकान में रहते थे, उसके बगल में रौशन नामक एक धनवान युवक रहता था। वह दोनों के गरीबी का लाभ उठाकर पहले रूपा के नजदीक आया। और अंततः वह इतना नजदीक आया आया कि रूपा और रौशन के बीच गोपनीय कुछ भी नहीं रहा। राजू दिनभर काम करके शाम को घर लौटता था, उसे रूपा और रौशन के संबंधों की कोई जानकारी नहीं थी। इसी बीच रूपा एक बच्ची दीपा की माँ बनी। एक दिन अचानक रूपा राजू से कहती है:-
रूपा:- मैं कब तक ईस तरह की जिंदगी जीती रहूँगी?
राजू: – जब तक भगवान की इच्छा होगी।
रूपा:- मुझे तेरे साथ नहीं रहना है।
राजू: – माइके जाना चाहती हो? हम दोनों के परिवार वाले तो कब का संबंध तोड़ चुके है।
रूपा:- नहीं, मैं माईके नहीं जाऊँगी।
राजू:- (गंभीर मुद्रा में) तब कहाँ जाओगी?
रूपा:- आपको क्या मतलब।
राजू:- अरे! तुम मेरी पत्नी हो, मतलब मुझे नहीं रहेगा तो दूसरा किसको रहेगा?
रूपा :- मुझे हर परिस्थिति में तलाक चाहिए।
राजू: – अरे! यह क्या बोल रही हो?
रूपा:- नहीं मुझे तलाक चाहिए। रूपा अपने और रौशन के बीच के संबंधों के बारे में सब कुछ राजू को बता देती है। राजू मन मार कर तैयार हो जाता है। दोनों वकील के पास जाते है और सहमति से तलाक की अर्जी डालते है कुछ दिनों बाद तलाक मिल जाता है। तलाक के तुरंत बाद रूपा, रौशन से शादी कर लेती है और अपने घर से निकल कर अपने एक साल की बेटी के साथ रौशन के घर चली जाती है। रूपा की गरीबी अब दूर हो चुकी है। वह चूड़ियाँ खनखनाती है, फिल्मी गीत गुनगुनाती है, काफी खुश है, वह अपनी बेटी को राजू की तरफ झाकने भी नहीं देती है। राजू को रहा नहीं जाता है। वह एक दिन रूपा के पास जाता है:-
रूपा:- क्या बात है?
राजू:- कुछ नहीं, यह कमरें की चाभी है, जिसमें हम दोनों कभी साथ-साथ रहते थे। मैंने मकान मालिक को महीने भर का किराया दें दिया है, ऐसे तो तुम धनवान व्यक्ति की पत्नी हो गई हो, परंतु फिर भी मेरे कमरा में यदि दीपा के काम की कोई चीज हो तो निकाल लेना। मैं अब दूसरे शहर में जा रहा हूँ, मैं नहीं चाहता हूँ कि दोनों का दाम्पत्य जीवन में मेरे कारण कोई परेशानी हो। हाँ एक बात मेरी बेटी का ख्याल रखना।
रूपा:- चिंता करने की कोई बात नहीं है तुमको, दीपा तुम्हारी बेटी नहीं है, दीपा के biological पिता रौशन है।
राजू:- मैं अब कुछ बोलने लायक नहीं हूँ, मैंडम। मैं अब जा रहा हूँ।
राजू शहर छोड़कर लगभग 2000 किलोमीटर दूर बिल्कुल एक अनजान शहर की ओर रुख करता है। राजू के जाने के बाद रूपा अपना मोबाईल नंबर, ईमेल, सब बदल देती है ताकि राजू से उसका कोई संपर्क नहीं रहे।
अनजान शहर में राजू को एक अच्छा काम मिल गया, राजू का बॉस राजू से खुश रहता था। राजू की जिंदगी पटरी पर लौट चुकी थी, बॉस द्वारा एक शादी का प्रस्ताव भी आया था परंतु राजू इनकार कर दिया था। कुछ वर्षों के कठीन मेहनत के बाद राजू नें उस शहर में अपने लिए एक छोटा सा मकान भी खरीद लिया था। इस प्रकार राजू और रूपा के बिछुड़े 07 वर्ष हो चुके थे।
07 वर्षों बाद राजू के मोबाईल पर एक कॉल आता है। वह कॉल किसी और की नहीं बल्कि रूपा का था। रूपा की आवाज सुनकर राजू को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि यह वही रूपा है! दोनों में कोई बात नहीं हो रही थी क्योंकि रूपा केवल रो रही थी। कुछ देर बाद:-
राजू:- बोलिए मैडम कैसे याद आई?
रुपा:- मैडम मत बोलो राजू।
राजू:- तो मैं क्या बोलूँ?
रूपा:- मुझे रूपा बोलो।
राजू:- नहीं। रूपा तो मेरी पत्नी थी। तुम तो अब धनवान पड़ोसी की पत्नी हो।
रूपा:- नहीं राजू, रौशन नें मुझे घर से निकाल दिया है!
राजू:- तुम अभी कहाँ हो?
रूपा:- आईटी चौराहा पर।
राजू:- तुम्हारे साथ और कौन है?
रूपा:- मैं और दीपा।
राजू:- तुम एयरपोर्ट आ जाओ, मैं दोनों का टिकट तुम्हारे मोबाईल पर भेज रहा हूँ।
राजू और रूपा के शहर के बीच लगभग 2000 KM की दूरी है। रूपा एयरपोर्ट पर आती है जहां से फ्लाइट से वह राजू के शहर पहुँचती है, राजू पहले से एयरपोर्ट पर रूपा का इंतजार कर रहा था। एयरपोर्ट पर दोनों एक दूसरे के साथ लिपटते है, जी भर कर रोते है।
राजू और रूपा कानूनी सलाह के लिए वकील के पास जाते है।
राजू और रूपा:- हम दोनों पुनः शादी करना चाहते है।
वकील:- जबतक रौशन और रूपा का तलाक नहीं हो जाता है तब तक आप दोनों की शादी नहीं हो सकती है।
रूपा रौशन से सहमति से तलाक का निवेदन करती है, परंतु रौशन न तो तलाक देने को तैयार हुया और न ही रूपा को अपने साथ रखने को। रूपा को तलाक की अर्जी न्यायालय में प्रस्तुत करना पड़ा जो अभी न्यायालय में लंबित है। दीपा, रूपा और राजू साथ-साथ तो रह रहे है परंतु कानून के नजर में रूपा राजू की रखैल है और दीपा राजू की वैध बेटी भी नहीं है। अपने ही गलत निर्णय के कारण आज रूपा पत्नी से रखैल हो गई है।
✍️ डिस्प्यूट-ईटर
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