“डिस्प्यूट-ईटर” एक पहल है जो मुजफ्फरपुर में स्थित राम यतन शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा शुरू की गई है। यह पहल विशेष रूप से समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार के विवादों के समाधान के लिए बनाई गई है, जो पारिवारिक, संपत्ति संबंधी, और कुछ विशेष आपराधिक विवादों को शामिल करती है। इसका मुख्य उद्देश्य मुकदमेबाजी के बजाय विवादों को शांतिपूर्ण और समझौते के आधार पर हल करना है, ताकि समाज में न्याय की प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव कम किया जा सके।
“डिस्प्यूट-ईटर” का उद्देश्य:
- विवादों का समाधान: “डिस्प्यूट-ईटर” का प्राथमिक लक्ष्य विवादों को अदालत के बाहर हल करना है। इसमें पारिवारिक मुद्दे, संपत्ति विवाद, और समझौता योग्य आपराधिक विवाद जैसे मामलों को शामिल किया जाता है।
- समझौता और सुलह: पहल का उद्देश्य विवादों के पक्षों के बीच एक सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करना है। यह विवादों को “ज्यूडिशियल सिस्टम” (न्यायिक प्रणाली) से बाहर रखते हुए, समझौते और मध्यस्थता के द्वारा निपटाने की कोशिश करती है।
- न्यायिक प्रणाली पर दबाव कम करना: आजकल कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या बहुत अधिक हो गई है। ऐसे में “डिस्प्यूट-ईटर” जैसी पहलों के माध्यम से मुकदमेबाजी का बोझ कम करना और कोर्ट के कामकाजी दबाव को घटाना भी इस पहल का एक मुख्य उद्देश्य है।
- सामाजिक शांति और सद्भाव: इस पहल का उद्देश्य समाज में सामाजिक शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है, क्योंकि अधिकतर विवादों का समाधान अगर आपसी बातचीत और सुलह से हो, तो समाज में तनाव कम होगा और लोग एक दूसरे के साथ बेहतर तरीके से रह सकेंगे।
“डिस्प्यूट-ईटर” का कार्यप्रणाली:
- मध्यस्थता और संवाद: इस पहल में मध्यस्थता का उपयोग किया जाता है, जहां एक तटस्थ व्यक्ति दोनों पक्षों को विवाद के समाधान के लिए प्रेरित करता है। यह प्रक्रिया सुलह और समझौते के द्वारा विवाद का समाधान निकालने का प्रयास करती है.
- प्रलेखन और सार्वजनिक उद्घाटन: “डिस्प्यूट-ईटर” द्वारा निपटाए गए प्रत्येक विवाद को एक आधिकारिक रूप से प्रलेखित किया जाता है। इस प्रलेखन के बाद, इसे “पूर्ण-विराम” या “Full-Stop” के रूप में संबंधित वेबसाइट (disputeeater.in) पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाता है। यह “पूर्ण-विराम” इस बात का संकेत है कि विवाद का समाधान पूरी तरह से हो चुका है और अब वह मामला समाप्त हो चुका है।
- वेबसाइट पर विवरण: इस वेबसाइट पर वह सभी विवाद, जिन्हें हल किया गया है, उनके विवरण को साझा किया जाता है। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि यह दूसरे व्यक्तियों और समुदायों के लिए एक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है कि विवादों को कैसे हल किया जा सकता है।
“डिस्प्यूट-ईटर” की महत्वपूर्ण विशेषताएँ:
- सामाजिक न्याय: यह पहल समाज में न्याय की प्रक्रिया को सरल, सुलभ, और तेज बनाने का प्रयास करती है।
- समझौते का महत्व: यहाँ पर जोर मुख्य रूप से समझौता और मध्यस्थता पर है, जिससे विवादों का समाधान लंबी और महंगी मुकदमेबाजी के बजाय जल्दी और कम खर्च में किया जा सकता है।
- न्यायिक प्रणाली पर दबाव कम करना: अदालतों पर बढ़ते हुए मामलों का बोझ भी इस पहल के माध्यम से कम हो सकता है, जिससे कोर्ट की कार्यप्रणाली को भी लाभ होगा।
- दूसरे स्थानों के लिए एक आदर्श: यह पहल अन्य स्थानों पर भी एक उदाहरण के रूप में काम कर सकती है, जिससे अन्य शहरों और क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की पहलों की शुरुआत हो सके।
निष्कर्ष:
“डिस्प्यूट-ईटर” पहल एक अनूठी और सकारात्मक कदम है, जो न्यायिक प्रणाली से परे, समाज में विवादों को सुलझाने का एक प्रभावी और सरल तरीका प्रस्तुत करती है। यह पहल पारिवारिक और संपत्ति संबंधी विवादों के समाधान के साथ-साथ सामाजिक शांति को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध हो रही है।
✍डिस्प्यूट-ईटर
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