Dispute-Eater
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Ram Yatan Sharma Memorial Trust
Muzaffarpur.
Full Stop No. 01/2024
(Family – Dispute)
Date of Compromise- 18.01.2024
Court Case Details: –
Name of the Court: – Principal Judge, Family Court Gorakhpur
Matrimonial Case No. 838/2019
Name of the Wife: – Smt. …………. Kumari
Name of the Husband: – Shri ……………… Gupta
दोनों पक्ष आपस में पति-पत्नी है। दोनों पक्षों की शादी हिन्दू रीती-रीवाज के अनुसार दिनांक 23.04.2019 को गोरखपुर में संपन्न हुई थी। परन्तु दोनों पक्ष का दाम्पत्य सम्बन्ध मधुर नहीं रहा तथा दोनों पक्ष दिनांक 04.06.2019 से अलग रह रहे है। विवाद इतना अधिक हो गया कि मामला न्यायालय में पहुँच गया।
पत्नी द्वारा पति के विरुद्ध दहेज प्रतारणा का एक वाद (परिवाद संख्या 1604/2019) और दूसरा अपने भरण-पोषण हेतु परिवार न्यायालय मुजफ्फरपुर में प्रस्तुत किया गया जिसका विवरण नीचे है:-
- Maintenance Case No. 230/2019
- Complaint Case No. 1604/2019
पति द्वारा विवाह को शून्य घोषित करने के लिए और एक वाद और कपटपूर्ण विवाह के लिए एक वाद व्यवहार न्यायालय गोरखपुर में प्रस्तुत किया गया जिसका विवरण नीचे है:-
- Matrimonial Case No. 838/2019 (U/s 12 of HM Act)
- Complaint Case No. 3290/2019.
दोनों पक्षों के बीच के विवाद को समाप्त करने के लिए एक बैठक की गई। दोनों पक्षों की काउन्सेलिंग की गई, तत्पश्चात दोनों One time settlement के लिए तैयार हो गए। पत्नी द्वारा One time settlement के रूप में कुल 05,00,000.00 रुपया (पाँच लाख रु० मात्र) की माँग की गई, जिसे पति देने को तैयार हो गया। दोनों पक्षों के बीच यह भी तय किया गया कि उपरोक्त ड्राफ्ट पति केवल बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से 498A के वाद में प्रस्तुत करेंगे।
- उक्त बैंक ड्राफ्ट को पत्नी आरोप पश्चात गवाही के बाद ही न्यायालय के आदेशानुसार प्राप्त कर सकेंगे।
- पत्नी भरण-पोषण का वाद वापस ले लेंगे।
- पति गोरखपुर में प्रस्तुत उपरोक्त वाद को वापस ले लेंगे।
- पत्नी के आग्रह के कारण उक्त समझौता-पत्र की एक प्रति एक हजार रुपया के गैर न्यायिक स्टाम्प संख्या AV 138494 पर भी तैयार किया गया है, जिसकी मूल प्रति प्रथम पक्ष/पत्नी के पास और उसकी छाया प्रति द्वितीय पक्ष/पति और “डिस्प्यूट-ईटर” के पास प्रमाण के लिए रहेगा।
इस प्रकार दोनों पक्षों के बीच के उपरोक्त विवाद का “पूर्ण-विराम” हो गया।
✍ डिस्प्यूट-ईटर
दोनों पक्षों के बीच एक समझौता-पत्र भी तैयार हुआ है जो इस प्रकार है:-
Full Stop No. 01/2024 Date: – 18.01.2024
विवाह के विघटन के लिए समझौता
(Agreement for dissolution of Marriage)
XXXXX कुमारी उम्र करीब 32 साल पुत्री स्वर्गीय XXXXX प्रसाद, निवासी -XXXXXX, बालूघाट, पोस्ट – प्रधान डाकघर, थाना – नगर, जिला- मुजफ्फरपुर पिन- 842001 मोबाइल नंबर- XXXXXX 798, आधार संख्या XXXX जिनको इस विलेख में इसके बाद प्रथम पक्ष कहा जायेगा। ………………………प्रथम पक्ष।
और
श्री XXXXX कुमार गुप्ता @ XXXXX अग्रहरी आयु लगभग 31 वर्ष पुत्र श्री XXXXX प्रसाद गुप्ता @ XXXXXX अग्रहरी मोहल्ला – मकान संख्या XXXXX XXXXXX नगर), थाना – पिपराइच, जिला- गोरखपुर उत्तर प्रदेश पिन – 273013 मोबाईल संख्या XXXXXXX आधार संख्या XXXXXXXX जिनको इस विलेख में इसके बाद द्वितीय पक्ष कहा जायेगा। …………………………..द्वितीय पक्ष।
विलेख की प्रकृति : – विवाह के विघटन के लिए समझौता।
यह कि प्रथम पक्ष और द्वितीय पक्ष दोनों वयस्क है। दोनों पक्षों की शादी हिन्दू रीती-रीवाज के अनुसार दिनांक 23.04.2019 को गोरखपुर में संपन्न हुई थी। परन्तु दोनों पक्ष का वैवाहिक सम्बन्ध मधुर नहीं रहा। दोनों पक्षों के बीच मनमुटाव की स्थिति पैदा हो गई और दोनों पक्ष दिनांक 04.06.2019 से अलग रह रहे है। दोनों पक्षों के परिवार के लोग और संबंधियों ने काफी प्रयास किया परन्तु दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं हो सका। और अंततः मामला न्यायालय में पहुँच गया।
प्रथम-पक्ष द्वारा दो वाद व्यवहार न्यायालय मुजफ्फरपुर में प्रस्तुत किया गया जिसका विवरण नीचे है:-
i. Maintenance Case No. 230/2019
ii. Complaint Case No. 1604/2019
द्वितीय – पक्ष द्वारा दो वाद व्यवहार न्यायालय गोरखपुर में प्रस्तुत किया गया जिसका विवरण नीचे है:-
i. Matrimonial Case No. 838/2019 (U/s 12 of HM Act).
ii. Complaint Case No. 3290/2019.
दोनों पक्षों ने यह स्वीकार किया है कि उपरोक्त वाद के आलावे अन्य कोई वाद किसी भी पक्षकार या उनके रिस्तेदार द्वारा किसी अन्य न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है।
दोनों पक्षों के बीच के विवाद को समाप्त करने के लिए दिनांक 18.01.2024 को प्रथम पक्ष और उनके भाई श्री और द्वितीय पक्ष और उनके पिता श्री XXXXX प्रसाद गुप्ता एवं “डिस्प्यूट-ईटर” की ओर से श्री दिलीप कुमार के बीच एक बैठक की गई। जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्ष का दाम्पत्य सम्बन्ध पूर्णत: समाप्त (विवाह-विघटन) हो जाए इसी में भलाई है। दोनों – पक्षों के बीच आपसी सहमति से विवाद के समाधान हेतु निर्णय लिया है जो निम्नलिखित है:-
- यह कि प्रथम पक्ष की ओर से द्वितीय पक्ष से अपने स्थायी निर्वाह – व्यय और भरण-पोषण (Full & Final Settlement Amount) के रूप में कुल 05,00,000.00 रुपया (पाँच लाख रु० मात्र) देने की अनुरोध किया गया जिसे द्वितीय पक्ष ने स्वीकार कर लिया।
- यह कि द्वितीय पक्ष रुपया 5,000,00.00 (पाँच लाख रुपया) का एक बैंक ड्राफ्ट Court No 11 JM 01st Class East Muzaffarpur (परिवाद संख्या 1604/2019) में अपने जमानत आवेदन के साथ जमा करेंगे, उक्त बैंक ड्राफ्ट को प्रथम-पक्ष आरोप पश्चात गवाही के बाद ही न्यायालय के आदेशानुसार प्राप्त कर सकेंगे।
- यह कि दोनों पक्ष सहमति से विवाह – विच्छेद की डिक्री हेतु परिवार न्यायालय मुजफ्फरपुर में वाद प्रस्तुत करेंगे।
- यह कि द्वितीय – पक्ष द्वारा गोरखपुर में प्रस्तुत उपरोक्त दोनों वाद को वापस कर लेंगे। प्रथम – पक्ष मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में प्रस्तुत भरण-पोषण का वाद वापस ले लेंगे।
- यह कि द्वितीय पक्ष के अनुसार गोरखपुर में मात्र दो केस प्रस्तुत किया गया है, जिसे वह वापस ले लेंगे। यदि उक्त दो वाद के आलवे भी कोई वाद लंबित है तो उसे भी वापस ले लेंगे और अंतिम आदेश (वापसी आदेश) फलक की प्रमाणित प्रति प्रथम-पक्ष के अधिवक्ता को सौप देंगे।
- यह कि प्रथम-पक्ष द्वारा मुजफ्फरपुर न्यायालय में प्रस्तुत वाद Complaint Case No. 1604/2019 को न्यायिक प्रक्रिया द्वारा समाप्त करवाने में द्वितीय-पक्ष को पूर्ण सहयोग करेगी। सहयोग नहीं करने की स्थिति में द्वितीय पक्ष को अधिकार होगा कि वे उपरोक्त राशि प्रथम पक्ष से कानूनी प्रक्रिया द्वारा वसूल कर सकते है।
- यह कि उपरोक्त दोनों वाद के न्यायिक निष्पादन में जब कभी भी पक्षकारों के सदेह उपस्थिति की जरूरी पड़ेगी, दोनों पक्ष अपने खर्चे पर उपस्थित रहेंगे।
- यह कि प्रथम – पक्ष उपरोक्त पाँच लाख रुपया के आलावे अन्य कोई भी वस्तु द्वितीय-पक्ष से प्राप्त करने का हकदार नहीं होंगे।
- यह कि उपरोक्त रुपया 5,000,00.00 (पाँच लाख रुपया) का बैंक ड्राफ्ट प्राप्त करने के बाद यदि प्रथम-पक्ष वाद को समाप्त करने और सहमति से तलाक प्राप्त करने में सहयोग नहीं करेंगे तब द्वितीय पक्ष को प्रथम पक्ष से उक्त राशि सूद सहित वापस प्राप्त करने और वाद समाप्ति हेतु समुचित कानूनी कार्रवाही करने का अधिकार होगा।
- यह कि दोनों पक्ष का एक दूसरे के यहाँ अब कोई समान/बस्तु/स्त्रीधन/उपहार नहीं है।
- यह कि दोनों पक्ष भविष्य में कभी भी एक दूसरे के बिरुद्ध किसी प्रकार का दावा या आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगांयेंगे।
- यह कि दोनों पक्ष, एक दुसरे के बिरुद्ध दहेज़ प्रतारणा से सम्बंधित कोई वाद, भरण – पोषण से सम्बंधित कोई वाद, द्विविवाह से सम्बंधित कोई वाद या अन्य किसी प्रकार का कोई वाद कभी भी प्रस्तुत नहीं करेंगे। यदि वाद प्रस्तुत करते है तो वह नाजायज होगा। यदि प्रथम पक्ष किसी प्रकार का वाद लाता है तो द्वितीये पक्ष को, और यदि द्वितीये पक्ष वाद लाता है तो प्रथम पक्ष को इसके लिए हर्जाना एवं मानहानि का वाद प्रस्तुत करने का अधिकार हो जायेगा।
- यह कि दोनों पक्ष एक – दुसरे की पैत्रिक या स्वर्जित संपत्ति में कभी भी किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करेंगे।
अत: इस दस्तावेज को विवाह के विघटन के लिए समझौता-पत्र के तौर पर लिख दिया गया जो तीन मूल प्रति में तैयार की गयी है, जिसकी एक–एक प्रति दोनों पक्षो के पास और एक प्रति “डिस्प्यूट-ईटर” के कार्यालय में प्रमाण के लिए रहेगा।
यह कि दोनों पक्षों ने सहमति से अपने तन – मन की स्वस्थ्य अवस्था में अपने–अपने लाभ-हानि पर विचार करके बिना किसी दवाब के स्वेक्षा से विवाह के विघटन के लिए समझौता–पत्र के अंतर्वस्तु को खुद पढ़कर और समझकर अपना-अपना फोटो चिपकाकर और अपने–अपने पहचान पत्र की छाया – प्रति संलग्न करके इस दस्तावेज के प्रत्येक पृष्ट पर अपना – अपना हस्ताक्षर बनाया है, जिसकी सम्पुटी में गवाहों ने भी अपना–अपना हस्ताक्षर बनाया है, ताकि भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न न किया जा सके।
दोनों पक्षों की सहमति से यह भी तय किया गया है कि इस समझौता-पत्र एक हजार रुपया के गैर न्यायिक स्टाम्प संख्या AV 138494 पर भी तैयार किया गया है, जिसकी मूल प्रति प्रथम पक्ष के पास और उसकी छाया प्रति द्वितीय पक्ष और “डिस्प्यूट-ईटर” के पास प्रमाण के लिए रहेगा।
अत: यह दस्तावेज लिख दिया गया ताकि प्रमाण रहे और समय पर काम आये ।
(XXXXX कुमारी)
प्रथम–पक्ष का हस्ताक्षर
(XXXXX कुमार गुप्ता)
द्वितीय–पक्ष का हस्ताक्षर
गवाह का हस्ताक्षर
(1) xxxxx कुमार सिंह
(2) xxxxxx कुमार
Seal & Sign
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