Dispute-Eater
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Ram Yatan Sharma Memorial Trust
Muzaffarpur.
Full Stop No. 04/2023
(Family – Dispute)
Date of Compromise- 02.10.2023
Court Case Details:
Name of the Court: – NIL
Pre-Litigative Family Dispute
Complaint Case No. – NIL
Name of the Wife: – XXXXXXXXX (Wife)
Name of the Husband: – XXXXXXXX (Husband)
Address of the Wife – XXXXXXXX Kumari D/o Shri XXXXXXX Paswan
Permanently Residing at Village – XXXXXXXXX, Po- Mirjapur
District- Muzaffarpur, Pin- 843126.
Address of the Husband– XXXXXX Kumar S/o Shri XXXXXX Paswan
A Resident of Mohalla/Village- XXXXXX Math, Po- Ramna
Ps- Mithanpura, District- Samastipur, Pin- 8482002.
इस विवाद के दोनों पक्ष पति-पत्नी हैं। दोनों की शादी दिनांक 21.05.2023 को बीएमपी 06 कन्हौली दुर्गा मंदिर के प्रांगण में हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न हुई थी। शादी के महज एक महीने के अंदर ही दोनों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। लड़की पक्ष ने सबसे पहले “डिस्प्यूट-ईटर” से संपर्क किया और विवाद को बात-चित से हल करने का आग्रह किया। फोन से सम्पर्क करने पर लड़का एवं उसके पिता अन्य 08 व्यक्तियों के साथ कार्यालय पहुंचे। दोनों के बीच काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के पश्चात दोनों पक्ष सहमति से अलग रहने और कानून के मुताबिक सहमति से तलाक के लिए राजी हो गए। दोनों पक्ष तलाक के लिए कानून द्वारा निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर अदालत में “सहमति से तलाक की याचिका” दाखिल करेंगे, ताकि दोनों पक्षों का रिश्ता कानूनी तौर पर भी खत्म हो जाए। इस तरह दोनों के बीच विवाद का पूर्ण विराम हो गया।
दोनों के बीच एक समझौता पत्र तैयार किया गया, जिसपर लकड़ी की माँ और लड़के के पिता सहित कुल 10 लोगों ने हस्ताक्षर बनाया है, जो इस प्रकार है: –
Full Stop No. 09/2023 Date: – 02.10.2023
विवाह के विघटन के लिए समझौता
(Agreement for dissolution of Marriage)
XXXXX कुमारी उम्र करीब 23 साल पुत्री श्री XXXXX पासवान, निवासी – XXXXXXX, पोस्ट -मिर्जापुर, थाना – पारू, जिला- मुजफ्फरपुर पिन- 843126 मोबाइल संख्या XXXXXXX, आधार संख्या XXXXX XXXXXX 1150 जिनको इस विलेख में इसके बाद प्रथम पक्ष कहा जायेगा। …………………………….प्रथम पक्ष
और
श्री XXXXX कुमार पुत्र श्री XXXXXX पासवान आयु लगभग 27 वर्ष मोहल्ला-XXXXXX मठ, पोस्ट – रमना, थाना-मिठनपुरा, जिला- मुजफ्फरपुर, पिन-842002, मोबाईल संख्या XXXXXXXX आधार संख्या xxxx xxxx 5358 जिनको इस विलेख में इसके बाद द्वितीय पक्ष कहा जायेगा. ……………………………….द्वितीय पक्ष।
विलेख की प्रकृति : – विवाह के विघटन के लिए समझौता।
यह कि प्रथम पक्ष और द्वितीय पक्ष दोनों वयस्क है, प्रथम पक्ष का जन्म तिथि दिनांक 02.04.2000 है और द्वितीय पक्ष का जन्म तिथि दिनांक 01.01.1996 है। दोनों पक्षों की शादी हिन्दू रीती-रीवाज के अनुसार दिनांक 21.05.2023 को BMP 06 दुर्गा मंदिर मुजफ्फरपुर में संपन्न हुई थी। शादी के दूसरे दिन यानि दिनांक 22.05.2023 को विदागरी के पश्चात्, प्रथम पक्ष, द्वितीये पक्ष के घर आई। परन्तु दोनों पक्ष का वैवाहिक सम्बन्ध मधुर नहीं रहा। दोनों पक्षों के बीच मनमुटाव की स्थिति पैदा हो गई और दोनों पक्ष दिनांक 23.06.2023 से अलग रह रहे है। दोनों पक्षों के परिवार के लोग और संबंधियों ने काफी प्रयास किया परन्तु दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं हो सका।
दोनों पक्षों के बीच के विवाद को समाप्त करने के लिए दिनांक 02.010.2023 को प्रथम पक्ष और उनकी माँ सुनीता देवी और द्वितीय पक्ष और उनके पिता श्री XXXXXX पासवान के बीच “डिस्प्यूट-ईटर” के कार्यालय में एक बैठक की गई, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्ष का दाम्पत्य सम्बन्ध पूर्णत: समाप्त (विवाह-विघटन) हो जाए इसी में भलाई है। दोनों – पक्षों के बीच आपसी सहमति से विवाद के समाधान हेतु निर्णय लिया है जो निम्नलिखित है:-
- यह कि दोनों पक्षों ने स्वीकार किया है कि प्रथम पक्ष का जो भी स्त्रीधन था वह प्रथम पक्ष, द्वितीय पक्ष से प्राप्त कर लिया है, अब प्रथम पक्ष का कोई भी वस्तु द्वितीय पक्ष के पास नहीं है।
- यह कि दोनों पक्ष सहमति से विवाह विच्छेद का वाद मुजफ्फरपुर के न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे और उपरोक्त वाद के न्यायिक निष्पादन में जब कभी भी पक्षकारों के सदेह उपस्थिति की जरूरी पड़ेगी, दोनों पक्ष अपने खर्चे पर उपस्थित रहेंगे।
- यह कि दोनों पक्ष का एक दूसरे के यहाँ अब कोई समान/बस्तु/स्त्रीधन/उपहार नहीं है।
- यह कि दोनों पक्ष भविष्य में कभी भी एक दूसरे के बिरुद्ध किसी प्रकार का दावा या आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगांयेंगे।
- यह कि दोनों पक्ष, एक दुसरे के बिरुद्ध दहेज़ प्रतारणा से सम्बंधित कोई वाद, भरण – पोषण से सम्बंधित कोई वाद, द्विविवाह से सम्बंधित कोई वाद या अन्य किसी प्रकार का कोई वाद कभी भी प्रस्तुत नहीं करेंगे। यदि वाद प्रस्तुत करते है तो वह नाजायज होगा। यदि प्रथम पक्ष किसी प्रकार का वाद लाता है तो द्वितीये पक्ष को, और यदि द्वितीये पक्ष वाद लाता है तो प्रथम पक्ष को इसके लिए हर्जाना एवं मानहानि का वाद प्रस्तुत करने का अधिकार हो जायेगा।
- यह कि दोनों पक्ष एक – दुसरे की पैत्रिक या स्वर्जित संपत्ति में कभी भी किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करेंगे।
अत: इस दस्तावेज को विवाह के विघटन के लिए समझौता-पत्र के तौर पर लिख दिया गया जो तीन मूल प्रति में तैयार की गयी है, जिसकी एक–एक प्रति दोनों पक्षो के पास और एक प्रति “डिस्प्यूट-ईटर” के कार्यालय में प्रमाण के लिए रहेगा।
यह कि दोनों पक्षों ने सहमति से अपने तन – मन की स्वस्थ्य अवस्था में अपने–अपने लाभ-हानि पर विचार करके बिना किसी दवाब के स्वेक्षा से विवाह के विघटन के लिए समझौता–पत्र, अंतर्वस्तु को खुद पढ़कर और समझकर अपना-अपना फोटो चिपकाकर इस दस्तावेज के प्रत्येक पृष्ट पर अपना – अपना हस्ताक्षर बनाया है, जिसकी सम्पुटी में गवाहों ने भी अपना–अपना हस्ताक्षर बनाया है, ताकि भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न न किया जा सके।
अत: यह दस्तावेज लिख दिया गया ताकि प्रमाण रहे और समय पर काम आये ।
(XXXXX कुमारी) (XXXXX कुमार)
गवाह का हस्ताक्षर प्रथम–पक्ष का हस्ताक्षर द्वितीय–पक्ष का हस्ताक्षर
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