Dispute-Eater
Run and managed by
Ram Yatan Sharma Memorial Trust
Muzaffarpur.
Full Stop No. 08/2023
(Property – Dispute)
Date of Compromise- 03.09.2023
Court Case Details: –
Name of the Court: – Sub Judge – 10th East, Muzaffarpur, Bihar
Eviction Suit No. 02/2004
Name of the Plaintiff: – Shri Brahmdeo Narain Choudhary & others
Name of the Defendant: – Shri Devendra Jha
Address of the Plaintiff:–
A Resident of Mohalla/Village- Kachchi Sarai Road, Po – Ramna Ps- Mithanpura, District- Muzaffarpur, Pin- 842002.
Address of the Defendants –
Permanently Residing at Mohalla –Rambag Chouri, Vidyapati Path, Po – Ramna, Ps- Mithanpura, District- Muzaffarpur, Pin- 842002.
The plaintiff, who is the landlord of the premises described in the plaint, filed an Eviction Suit No. 02/2004 before the court against the defendant for vacating the suit premises on the grounds of defaulter as well as recovery of past and future rent. The original plaintiff died on 11.11.2011 during the legal battle. The plaintiff in the suit contacted the “Dispute-Eater.” On the call by the “Dispute-Eater”, both the parties appeared in the office on 03.09.2023. A physical meeting took place between the plaintiff (Brahmdev Narayan Chaudhary on behalf of all the plaintiffs) and the defendant and after counselling the defendant agreed to vacate the suit premises and the plaintiff waived the outstanding rent from March 2020. A separate settlement agreement was prepared and duly signed by the defendant namely Devendra Jha himself and Brahmadev Narayan Chaudhary on behalf of all the plaintiffs. After signing the agreement, the defendant of the suit handed over the possession of the suit premises to the plaintiffs. And now, the dispute between the parties came to a full-Stop.
S/d
(Dispute-Eater)
A separate Compromise Agreement is prepared which is as follows: –
संदर्भ
निष्कासन वाद संख्या 02/2004
(Eviction Suit No. 02/2004)
(Pending in the Court of Sub-Judge- 10th East
Muzaffarpur, Bihar)
श्री ब्रह्मदेव नारायण चौधरी और अन्य ……………….. वादीगण
Versus
श्री देवेन्द्र झा ………………………………… प्रतिवादी
उपस्थिति: –
श्री ब्रह्मदेव नारायण चौधरी स्वयं (वादी)
श्री देवेन्द्र झा स्वयं (प्रतिवादी)
समझौता-पत्र
यह समझौता पत्र आज दिनांक 03.09.2023 को श्री ब्रह्मदेव नारायण चौधरी पुत्र स्वर्गीय बासुदेव चौधरी निवासी मोहल्ला कच्ची सराय, अमर सिनेमा रोड थाना मिठनपुरा पोस्ट रमणा जिला मुजफ्फरपुर पिन 842002 मोबाईल संख्या 9835275713
एवं
श्री देवेन्द्र झा पिता का नाम स्वर्गीय रूप नारायण झा निवासी मोहल्ला रामबाग चौड़ी, विद्यापति मार्ग थाना मिठनपुरा, पोस्ट रमणा जिला मुजफ्फरपुर पिन- 842002 के बीच निष्पादित किया जा रहा है।
समझौता के तथ्य
उपरोक्त वाद के वादीगण कन्हौली खादी भंडार, पोस्ट- रमना, जिला मुजफ्फरपुर अंचल मुशहरी स्थित खाता संख्या 477 खेसरा संख्या 2934 के भू स्वामी है। वादीगण के पिता द्वारा उक्त भूमि पर दुकान बनाकर उसमें से दो दुकान प्रतिवादी को किराया पर दिया था। दोनों पक्षों के बीच किसी विंदु पर विवाद हो गया फलतः वादीगण के पिता द्वारा मुजफ्फरपुर के न्यायालय में प्रतिवादी के विरुद्ध निष्कासन का वाद प्रस्तुत करना पड़ा जो पिछले 19 वर्षों से अधिक समय से न्यायालय में लंबित है। इसी बीच वादी के पिता का दिनांक 11.11.2011 को निधन हो गया।
यह कि दोनों के बीच के विवाद को समाप्त करने के लिए “डिस्प्यूट-ईटर” के कार्यालय में एक बैठक की गई जिसमें वादी की ओर से श्री ब्रह्मदेव नारायण चौधरी और प्रतिवादी की ओर से प्रतिवादी खुद उपस्थित हुए। दोनों पक्षों के समक्ष एक बैठक की गई, जिसमें वाद का समझौता हो गया, जो ईस प्रकार है:-
- यह कि प्रतिवादी ने स्वेच्छा से उपरोक्त दोनों दुकान को खाली करने पर सहमत हो गए।
- यह कि प्रतिवादी द्वारा उक्त मकान का मार्च 2020 तक का किराया न्यायालय में जमा किया जा चुका है उसको वादी न्यायिक प्रक्रिया द्वारा निकाल लेंगे। इसमें प्रतिवादी को कोई आपत्ति नहीं है।
- यह कि कोविड काल के बाद प्रतिवादी द्वारा न्यायालय में किराया जमा करना छोड़ दिया गया था, वादी स्वेच्छा से स्वीकार किया कि वे उक्त अवधि के किराया की मांग प्रतिवादी से नहीं करेंगे।
- यह कि प्रतिवादी द्वारा स्वेच्छा से यह स्वीकार किया गया कि वे दिनांक 04.09.2023 तक उक्त परिसर से अपने सम्पूर्ण समान निकाल लेंगे और उक्त परिसर खाली करके उसकी चाभी वादी को सौप देंगे।
- यह कि चूंकि अब दोनों पक्षों में कोई विवाद नहीं रहा अतः वादी उपरोक्त वाद वापस ले लेंगे।
- यह कि यह समझौता पत्र 1000 रुपया के गैर न्यायिक स्टाम्प पर लिखी गई है, जिसकी मूल प्रति वादी के पास तथा उसकी छाया प्रति प्रतिवादी और “डिस्प्यूट-ईटर” के कार्यालय में प्रमाण के लिए रहेगी।
- यह कि दोनों पक्षों ने सहमति से अपने तन – मन की स्वस्थ्य अवस्था में अपने – अपने लाभ – हानि पर विचार करके बिना किसी दवाब के स्वेक्ष्या से अपना – अपना हस्ताक्षर बनाया है, जिसकी सम्पुटी में डिस्प्यूट-ईटर की ओर से दिलीप कुमार ने भी अपना हस्ताक्षर बनाया है, ताकि प्रमाण रहे और भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न होने पर इस समझौता-पत्र का उपयोग समझौता के सबूत के रूप में किया जा सके।
वादी का हस्ताक्षर प्रतिवादी का हस्ताक्षर
गवाह:- 1.
S/d
Dispute-Eater
Date 03.09.2023
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