• Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Menu
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Search
Close
Home Latest Articles

दत्तक पुत्र की जाति से संबंधित कानून एक नजर में।

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
March 27, 2023
in Latest Articles
0
दत्तक पुत्र की जाति से संबंधित कानून एक नजर में।
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp

हिन्दू धर्म के अनुसार किसी व्यक्ति की जाति का निर्धारण उसके जन्म से होता है और कोई भी हिन्दू अपनी ईच्छानुसार अपनी जाति नहीं बदल सकता है। वही दूसरी ओर हिन्दू दत्तक और भरण पोषण अधिनियम 1956 की एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि वह जाति के आधार पर किसी भी प्रकार की विभेद नहीं करती है। ईस अधिनियम के अनुसार दत्तक देनेवाला, दत्तक लेनेवाला और जो बालक दत्तक में दिया जा रहा है, तीनों का हिन्दू होना जरूरी है। अधिनियम के अनुसार “जाति” दत्तक के प्रयोजन के लिए पूर्णतः महत्वहीन है।

जहां तक सवाल दत्तक पुत्र/पुत्री की जाति का है, ईस पर दत्तक एवं भरण-पोषण अधिनियम पूर्णतः मौन है। अतः दत्तक पुत्र/पुत्री की जाति के निर्धारण के लिए न्यायिक निर्णय ही एक सहारा है।

दत्तक पुत्र की जाति से संबंधित विवाद दो परिस्थितियों में होती है:-

  1. जब दत्तक पुत्र के जैविक पिता/माता की जानकारी हो।
  2. जब दत्तक पुत्र के जैविक पिता/माता की जानकारी नहीं हो।

दत्तक पुत्र की जाति से संबंधित विवाद के संदर्भ में न्यायालय द्वारा अन्तर्जातिय विवाह से उत्पन्न संतान के लिए निर्धारित जाति निर्धारण के तरीका के अनुसार ही फैसला सुनती है। जिस प्रकार शादी से किसी व्यक्ति की जाति नहीं बदलती है उसी प्रकार दत्तक लेने-देने से दत्तक पुत्र/पुत्री की जाति नही बदलती है। परंतु यदि दत्तक पुत्र/पुत्री की जैविक पिता की जानकारी नही होने की स्थिति में कानून यह व्यवस्था दिया है कि दत्तक पिता की जाति ही दत्तक पुत्र/पुत्री की जाति मानी जायेगी। यदि किसी वैसे पुत्र/पुत्री को जिसकी जैविक पिता/माता अज्ञात है और किसी अविवाहित महिला द्वारा गोद लिया जाता है, तब दत्तक पुत्र/पुत्री की जाति दत्तक माता की जाति से निर्धारित की जायेगी।

✍️ दिलीप कुमार
(अधिवक्ता)

Adv. Dilip Kumar

  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp
Previous Post

हाथी चौक से लेप्रोसी मिशन चौक तक सड़क पर बने डिवाइडर के ऊपर लोहे के ग्रिल के बनावट में बदलाव लाने हेतु “डिस्प्यूट-ईटर” द्वारा जिलाधिकारी को पत्र।

Next Post

Full Stop No. 03/2023 (Family – Dispute)

Adv. Dilip Kumar

Adv. Dilip Kumar

Next Post
Full Stop No. 03/2023 (Family – Dispute)

Full Stop No. 03/2023 (Family – Dispute)

Discussion about this post

Cases Resolved by the DE

Full-Stop No. 27/2025 (Family Dispute)

Full-Stop No. 27/2025 (Family Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
August 13, 2025
0

Dispute-Eater Run & Managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust,...

Full-Stop No. 26/2025 (Family Dispute)

Full-Stop No. 26/2025 (Family Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
August 13, 2025
0

Dispute-Eater Run & Managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust,...

Full-Stop No. 25/2025 (Family Dispute)

Full-Stop No. 25/2025 (Family Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
August 13, 2025
0

Dispute-Eater Run & Managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust,...

Load More

Latest Articles on DE

The Full Stop Theory of Justice

The Full Stop Theory of Justice

by Adv. Dilip Kumar
August 25, 2025
0

The Full Stop Theory of Justice All family disputes, property...

विवाद और विश्वास : एक दूसरे का विरोधी भी, सहयात्री भी।

विवाद और विश्वास : एक दूसरे का विरोधी भी, सहयात्री भी।

by Adv. Dilip Kumar
August 23, 2025
0

विवाद और विश्वास : एक दूसरे का विरोधी भी, सहयात्री...

सही कानूनी सलाह: न्याय की पहली सीढ़ी है।

सही कानूनी सलाह: न्याय की पहली सीढ़ी है।

by Adv. Dilip Kumar
August 23, 2025
0

मुजफ्फरपुर की एक घटना ने फिर से यह प्रश्न खड़ा...

Judgement from the Court

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

January 7, 2023
बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

September 19, 2022
नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

November 24, 2021
Load More
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Facebook Twitter Youtube Linkedin
© 2019-2022 – Dispute Eater

Run & Managed by – RAM YATAN SHARMA MEMORIAL TRUST®

made with love at Ambit Solutions (7488039982)
WhatsApp chat