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गलतफहमी

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
October 9, 2021
in Latest Articles
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गलतफहमी
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पति काफी हंसमुख था और पत्नी कुछ अधिक साँवली थी। पति को गुनगुनाने की आदत थी। पति ने सोचा भी नहीं था कि गुनगुनाने की उसकी अच्छी आदत शादी के मात्र 2 महीने के भीतर ही मुसीबत बन जाएगी। शादी के बाद पहली बार जब दोनों मिले थे पति शांत होकर अपनी पत्नी का चेहरा निहारता रह गया था। उस समय पत्नी बोली थी कि क्या सोंच रहे है? यही न कि पत्नी काली मिल गई है! पति बोला नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। रंग में क्या रखा है। उसी समय से पत्नी के मन में गलतफहमी हो गई थी कि पति उसके काले रंग से काफी असन्तुष्ट है। इस प्रकार शादी के 02 माह बीत गए।

पति हमेशा पत्नी से पहले बिछावन छोड़ता था। सब कुछ सामान्य चल रहा था। एक दिन सोने से पहले पत्नी फ्रीज़ का defrost बटन दबा दिया था। पति सो कर उठा और देखा कि फर्श पर पानी फैला हुआ है। वह सोचा कि पत्नी के जागने  से पहले पानी को पोंछ देना चाहिए। पति ने सोचा कि फर्श चिकना था और उसपर पत्नी फिसलकर गिर सकती थी। पति वाइपर उठाया और फर्श  पर गिरे पानी को पोंछकर बाथरूम की ओर ले गया। बाथरूम का फर्श बिल्कुल सफेद था। फ्रीज़ के नजदीक का पानी वाईपर द्वारा पोंछे जाने के बाद जब बाथरूम के सफेद फर्श पर गिड़ा, गंदगी के कारण फ्रीज़ से निकाल हुआ साफ पानी कालापानी में तब्दील हो चुका था। पति ने वाईपर सही जगह पर रखा और गुनगुनाया “मेरे घर में है कालापानी”। पति यही वाक्य गुनगुनाते हुए बेडरूम की ओर गया। पत्नी ने पति की गुनगुनाहट सुन ली। वह उठी और बोली “माना कि मैं काली हूँ, परंतु तुम्हारे मुहँ से निकला यह शब्द मुझे बहुत पीड़ा पहुँचाया है, तुमको इस प्रकार अपमानित करने का हक नहीं है। पति के लाख समझाने के बाद भी पत्नी नहीं समझी और मामला डिस्प्यूट-ईटर के पास पहुँच गया।

डिस्प्यूट-ईटर नें नवदंपती को अपने कार्यालय में बुलाया। नियत समय पर दोनों कार्यालय में उपस्थित हुए। दोनों ने बारी-बारी से अपना पक्ष डिस्प्यूट-ईटर के समक्ष रखा।

डिस्प्यूट-ईटर के द्वारा दोनों-पक्षों को समझाया गया कि आप लोग अपने मन को शक या धारणा का कारखाना नहीं बनने दें। यदि आपका मन शक या धारणा का कारखाना बना तो आप परिवार टूटने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते है। आपका मन शक या धारणा का कारखाना न बने इसके लिए पति-पत्नी का एक दूसरे के प्रति समर्पित होने जरूरी है। और आपका यही समर्पण आपके मन से शक या धारणा को बाहर निकाल सकेगा। दोनों संतुष्ट होकर अपने घर वापस चले गए।

✍डिस्प्यूट-ईटर।

Adv. Dilip Kumar

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