एक व्यक्ति द्वारा पूछे गए सवाल को मैं आज सार्वजनिक करना चाहता हूँ।
प्रश्न:- मेरे चाचा पैतृक घर से अलग अपना घर बनवा लिए है और उसमें चले गए है। पैतृक घर में का अपना हिस्सा एक हरिजन को बेंच दिए है। वह अनेकों बार गैर कानूनी रूप से कब्जा का प्रयास किया परंतु असफल रहा। अब वह विभाजन का वाद लाया है। मुझे क्या करना चाहिए?
यह केवल सवाल नहीं है, वल्कि एक समस्या है। यह “खून का रिस्ता” के प्रति गुस्सा है। यह गुस्सा कहाँ पर और कैसे समाप्त होगा मैं नहीं जानता हूँ, परंतु प्रश्न कानून से जुड़ा है अतः मैं उसका कानूनी उत्तर ही दें सकता हूँ: –
उत्तर:- निवास गृह में का अपना हिस्सा परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को बेंचना विधि विरुद्ध है। अतः आपके चाचा नें विधि विरुद्ध कार्य किया है। कानून के अनुसार जब कभी भी अविभाजित परिवार का कोई हिस्सेदार निवास गृह में का अपना हिस्सा किसी तीसरे व्यक्ति यानि परिवार से अलग के किसी व्यक्ति को बेंच देता है, और परिवार का कोई व्यक्ति न्यायालय से निवेदन करता है कि वह उस हिस्सेदार का सम्पूर्ण हिस्सा खरीदना चाहता है। वैसी परिस्थिति में न्यायालय उक्त हिस्सा का मूल्य निर्धारित करेगा और उक्त हिस्सा उस इच्छुक हिस्सेदार को बेंच देगा। अतः आप क्रेता द्वारा प्रस्तुत किए गए वाद में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखिए। साथ-ही साथ न्यायालय से प्रार्थना कीजिए कि निवास गृह में आपके चाचा का सम्पूर्ण हिस्सा आप खरीदना चाहते है। आपको सफलता जरूर मिलेगी। (U/S 04 of the Partition Act 1893)
सवाल चुकी एक वकील से किया गया है अतः उसका कानूनी उत्तर तो मैंने दे दिया।
मेरा सवाल आप लोगों से है – जिनके नियत में कार्बन-डाई-ऑक्साइड घुली हो उसको कैसे निकाला जाए?
✍दिलीप कुमार
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