पटना उच्च न्यायालय ने सुमित कुमार बनाम रूपम कुमारी, के मामले में व्यवस्था दिया है कि न्यायालय द्वारा बिना मांगे स्वतः प्रदान करना गलत है।
विवाद पति-पत्नी के बीच का है। पति द्वारा एकमुस्त गुजारा भत्ता के रूप में 2,60,000.00 रुपया प्राप्त कर पत्नी तलाक के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दिया था। दोनों ने आपसी सहमति से तलाक की अर्जी परिवार न्यायालय समस्तीपुर में प्रस्तुत किया था। विद्वान परिवार न्यायालय समस्तीपुर ने आपसी सहमति से तलाक का आदेश पारित किया साथ-ही साथ पति को स्वतः आदेशित किया कि पति उपरोक्त राशि के अतिरिक्त 4,00,000.00 रुपया और शादी के समय पत्नी को उपहार मे प्राप्त सभी गहना पत्नी को लौटा दें।
उक्त अतिरिक्त 4,00,000.00 रुपया और शादी के समय पत्नी को उपहार में प्राप्त सभी गहना लौटाने के आदेश को पति द्वारा माननीय पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दिया गया, जिसकी सुनवाई में पटना न्यायालय ने व्यवस्था दिया कि परिवार न्यायालय समस्तीपुर द्वारा पत्नी के पक्ष में बिना मांगे स्वतः 4,00,000.00 रुपया और शादी के समय पत्नी को उपहार में प्राप्त सभी गहना लौटाने के आदेश प्रदान करना गलत है।
Miscellaneous Appeal No. 811/2016











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