• Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Menu
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Search
Close
Home Latest Articles

नवजात-मृतक का उत्तराधिकारी कौन होगा?

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
June 6, 2022
in Latest Articles
0
नवजात-मृतक का उत्तराधिकारी कौन होगा?
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कुल 16 संस्कार है, जिसमे प्रथम संस्कार गर्भाधान संस्कार है। गर्भाधान संस्कार द्वारा सृष्टि में जीवन की प्रक्रिया आरंभ होती है। धार्मिक रूप से गृहस्थ जीवन का प्रमुख उद्देश्य और प्रथम कर्तव्य ही संतानोत्पत्ति माना गया है। हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 20 उपरोक्त मान्यताओं को स्वीकार करता है और गर्भ में आये बच्चे अर्थात अजन्मा को भी संपत्ति में जन्मा के बराबर हक देता है। शर्त केवल इतना ही है कि अजन्मा को यह हक पूर्ण रूप से प्राप्त तब होता है, जब वह पृथ्वी पर आकर साँस लेता है। यदि वह मृत पैदा लेता है तब यह प्रावधान लागू नहीं होता है। विधि की यह ऊपधारणा है कि संपत्ति एक पल के लिए भी स्वामी विहीन नहीं होती है।
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम में वर्ष 2005 में महत्वपूर्ण संशोधन हुआ है। अधिनियम की धारा 06 के अनुसार बेटा और बेटी का हिस्सा बराबर हो गया है। इस धारा में एक और महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है जिसके अनुसार मिताक्षरा विधि द्वारा शासित संयुक्त हिन्दू परिवार के किसी व्यक्ति की मृत्यु पर विधि यह मानकर चलती है कि मृतक अपनी मृत्यु से पहले संयुक्त हिन्दू परिवार से अपना हिस्सा निकालने के बाद अपना प्राण त्यागा था। अतः विधि की भाषा में नवजात की मृत्यु होने पर भी विधि की उपधारणा होगी कि नवजात चाहे कुछ पल या घंटा ही जीवित क्यों न रहा हो,मृत्यु से पहले उसने अपनी संपत्ति का विभाजन कर लिया, तत्पश्चात उसकी मृत्यु हुई है। अब प्रश्न यह पैदा लेता है कि उस नवजात-मृतक की संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा?
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 में दो प्रकार के उत्तराधिकारी है, जिसका वर्णन वर्ग – 01 और वर्ग – 02 में किया गया है। वर्ग – 01 में के उत्तराधिकारी के नहीं रहने पर ही वर्ग – 02 के उत्तराधिकारी को संपत्ति प्राप्त करने के अधिकार होता है। वर्ग 01 के उत्तराधिकारी में पुत्र, पुत्री, विधवा, माता और पूर्व मृत पुत्र के पुत्र इत्यादि आते है। पिता, भाई, बहन वर्ग – 02 के उत्तराधिकारी होते है। चूंकि माँ वर्ग-01 की उत्तराधिकारी है, जबकि पिता और भाई वर्ग-02 के उत्तराधिकारी है। अतः नवजात-मृतक चाहे वह लड़का हो या लड़की उसके/उसकी संपत्ति की उत्तराधिकारी केवल और केवल माँ ही होगी।
✍दिलीप कुमार
अधिवक्ता

Adv. Dilip Kumar

  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp
Previous Post

मुस्लिम महिला के भरण-पोषण की कानूनी स्थिति।

Next Post

वसीयत और उससे संबंधित कानून एक नजर में।

Adv. Dilip Kumar

Adv. Dilip Kumar

Next Post
वसीयत और उससे संबंधित कानून एक नजर में।

वसीयत और उससे संबंधित कानून एक नजर में।

Discussion about this post

Cases Resolved by the DE

Full-Stop No. 18/2025 (Family-Dispute)

Full-Stop No. 18/2025 (Family-Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
May 6, 2025
0

Dispute-Eater Run & managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Full Stop No. 17/2025 (Property – Dispute)

Full Stop No. 17/2025 (Property – Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
April 11, 2025
0

Dispute-Eater Run and managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Full-Stop No. 16/2025 (Family-Dispute)

Full-Stop No. 16/2025 (Family-Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
April 3, 2025
0

Dispute-Eater Run & managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Load More

Latest Articles on DE

“बेटी से बहू तक की यात्रा”

“बेटी से बहू तक की यात्रा”

by Adv. Dilip Kumar
May 24, 2025
0

शादी के कुछ ही दोनों बाद विवाद हो गया। कारण...

कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार।

कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार।

by Adv. Dilip Kumar
April 21, 2025
0

"कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार" भारत में...

दाम्पत्य संबंध या तलाक, किधर जा रहे है आप।

दाम्पत्य संबंध या तलाक, किधर जा रहे है आप।

by Adv. Dilip Kumar
April 6, 2025
0

लिषा, एक सुंदर और बुद्धिमान लड़की, का जन्म मुजफ्फरपुर जिले...

Judgement from the Court

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

January 7, 2023
बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

September 19, 2022
नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

November 24, 2021
Load More
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Facebook Twitter Youtube Linkedin
© 2019-2022 – Dispute Eater

Run & Managed by – RAM YATAN SHARMA MEMORIAL TRUST®

made with love at Ambit Solutions (7488039982)
WhatsApp chat