बात जनवरी 2019 की है. भारत सरकार में उच्च पद पर पदस्थापित एक व्यक्ति (जिनको इस लेख में इसके बाद पति कहा जायेगा) मुझसे तलाक हेतु आवेदन प्रस्तुत करने का निवेदन किया था. परन्तु तलाक का जो कारण बताया गया था वह मुझे बहुत ही अटपटा लगा. मुझको बताया गया था कि उनकी पत्नी भी भारत सरकार में उच्च पद पर पदस्थापित है. अपने – अपने जॉब के कारण दोनों को अभी अलग-अलग रहना पर रहा है. एक दिन पत्नी ने अपने पति को फोन पर बताई कि परिवार में नया मेहमान आने वाला है. पति-पत्नी दोनों नये मेहमान के आने की ख़ुशी को celebrate करने के शुभ मुहूर्त का इंतजार कर ही रहे थे कि पति ने अपनी पत्नी के Senior द्वारा Facebook पर share किया गया एक फोटो देखा जिसमें पत्नी और पत्नी के Senior ठहाके लगाते नजर आ रहे थे. पति ने मुझे बताया कि “मैं पुरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मेरे घर में आनेवाला मेहमान मेरा नहीं है जब-तक पत्नी डीएनए टेस्ट नहीं करवायेगी मेरा मन यह विश्वास ही नहीं कर पायगा कि उसके गर्भ में पल रहा बच्चा मेरा बच्चा है” मैं सर्वप्रथम पति को विश्वास में लेकर उनके पत्नी से बात किया और पत्नी को उक्त बाते बताई. पत्नी बिना समय गवाये अपने पति के पास पहूँचकर अपने पति से डीएनए टेस्ट करवाने के लिए सकारात्मक दबाव बनायीं. पत्नी के सकारात्मक रुख को देखकर पति डीएनए टेस्ट और तलाक दोनों का इरादा छोड़ दिया. दोनों, अपने परिवार में नए सदस्य के आने का इंतजार कर रहे है.
अपील: – यदि आपके कार्यालय में भी कोई महिला कर्मचारी का फोटो आपके पास है, तो उसे शेयर करने से परहेज करे ताकि कोई दुसरा परिवार परेशानी में पड़ने से बच सके.
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