Dispute-Eater
Run & Managed by
Ram Yatan Sharma Memorial Trust
Muzaffarpur.
Full Stop No. 04/2023
(Family – Dispute)
Date of Compromise- 16.04.2023
Court Case Details:
Name of the Court: – Miss. Arpita Dubey JMFC, Muzaffarpur, East, Bihar
Complaint Case No. 4325/2022
Name of the Complainant: – XXXXXXXXX (Wife)
Name of the Accused: – XXXXXXXX (Husband)
Address of the Husband– XXXXXXXXX S/o Shri XXXXXXX
A Resident of Mohalla/Village- XXXXXX, Po- XXXXXXX
Ps- Samastipur, District- Samastipur, Pin- 848113.
Address of the Wife – XXXXXXXX S/o Shri XXXXXXXXXX
Permanently Residing at Village – XXXXXXXXX, Po- XXXXXXX
District- Muzaffarpur, Pin- 843132.
Both parties as well as the father and the sister of the wife namely Shri XXXXXXX Paswan & Smt. XXXXXXXX Devi physically presents the office of the “Dispute-Eater”. Counseling was held for about four hours, during which both parties agreed to live together. A separate compromise agreement is prepared. The date of Bidagari is fixed on 19.04.2023 and the wife became agreed to withdraw the complaint case bearing no. 4325/2022 pending in the court of Miss. Arpita Dubey JMFC, Muzaffarpur, East, Bihar. And now, the dispute between the parties came to a full-Stop.
S/d
(Dispute-Eater)
A separate compromise agreement has been prepared which is as follows:-
समझौता–पत्र
- श्री XXXXXX कुमार उर्फ XXXXXX पासवान पुत्र स्वर्गीय XXXXXX पासवान उम्र लगभग 25 वर्ष ग्राम XXXXXXX, थाना – समस्तीपुर , जिला – समस्तीपुर, पिन – 848113, मोबाइल – XXXXXXX जिनको इस समझौता – पत्र में इसके बाद प्रथम-पक्ष कहा जाएगा।
और
- श्रीमती XXXXXXX कुमारी उम्र लगभग 20 वर्ष पत्नी श्री XXXXXXX कुमार पुत्री श्री XXXXXXXX पासवान ग्राम और पोस्ट – XXXXXXXX थाना – मुशहरी, जिला- मुजफ्फरपुर मोबाइल नंबर – XXXXXXXXXX जिनको इस समझौता – पत्र में इसके बाद द्वितीय-पक्ष कहा जाएगा।
स्वीकृत तथ्य
यह कि प्रथम पक्ष और द्वितीय पक्ष दोनों पति-पत्नी है। दोनों की शादी हिन्दू रीती – रीवाज के अनुसार दिनांक 08.05.2019 को XXXXXXXX थाना मुशहरी जिला मुजफ्फरपुर में संपन्न हुई थी। दोनों का संबंध कुछ दिनों तक ठीक रहा और इसी बीच दिनांक 18.08.2021 को एक पुत्री का जन्म हुआ जिसका नाम XXXXXXX कुमारी है। कुछ दिनों बाद दोनों पक्षों के बीच कुछ विवाद हो गया और द्वितीय पक्ष अपने मायेका आ गई और तब से वही रहती चली आ रही है। इसी बीच द्वितीय पक्ष द्वारा परिवार दहेज प्रतारणा का एक वाद मुजफ्फरपुर में प्रस्तुत किया (Complaint Case No. 4325/2022) प्रस्तुत किया है जो अभी लंबित है। दोनों – पक्षों के बीच लंबित विवाद को समाप्त करने हेतु आज दिनांक 16.04.2023 को दोनों पक्ष, और द्वितीय पक्ष के पिता और बहन क्रमशः श्री XXXXX पासवान और श्रीमती XXXXXX देवी “डिस्प्यूट-ईटर” के कार्यालय में उपस्थित हुए। दोनों-पक्ष और उपस्थित उपरोक्त लोगों के समक्ष समझौता हो गया जो निम्नलिखित है:-
I. यह कि प्रथम पक्ष, आज अपनी पत्नी के साथ अपने ससुराल (XXXXXXX) जाएंगे और तीन दिन तक अपने ससुराल में ही रहेंगे तथा दिनांक 19.04.2023 को सम्मान पूर्वक XXXXXX से बुलाकर XXXXXXXXX समस्तीपुर ले आएंगे और तब के बाद द्वितीय – पक्ष अपने ससुराल में रहेंगी।
ii. यह कि प्रथम-पक्ष अपनी पत्नी (द्वितीय-पक्ष) को पूरे मान – सम्मान के साथ अपने साथ रखेंगे। दोनों पक्ष कोई वैसा कार्य नहीं करेंगे जिससे एक-दूसरे को तकलीफ हो।
iii. यह कि प्रथम पक्ष अपनी पत्नी को 3000 रुपया प्रतिमाह उसके बैंक खाता में दिया करेंगे।
iv. यह कि दोनों पक्ष आगे एक-दूसरे के साथ किसी भी प्रकार का झगड़ा नहीं करने का वादा करते है साथ ही साथ यह वादा भी करते है की परिवार की मर्यादा को हर परिस्थिति में कायम रखेंगे।
v. यह की दोनों पक्ष प्रेम पूर्वक रहेंगे, एक दूसरे को अपमानित, परेशान या पूर्व की बात को लेकर कोई मुकदमा नहीं करेंगे।
vi. यह कि द्वितीय – पक्ष जब भी माइके जायेगी अपनी पति की सहमति से ही जायेगी।
vii. यह कि द्वितीय-पक्ष के माता-पिता जब भी प्रथम-पक्ष के घर आएंगे, प्रथम-पक्ष की सहमति से ही आएंगे।
viii. यह कि दोनों पक्ष एक दूसरे के माता-पिता का सम्मान करेंगे।
ix. यह कि द्वितीय-पक्ष परिवाद संख्या 4325/2022 जो श्रीमती अर्पिता दुबे के न्यायालय मुजफ्फरपुर में लंबित है उसे वापस ले लेंगे
दोनों पक्षों ने सहमति से अपने तन – मन की स्वस्थ्य अवस्था में अपने – अपने लाभ – हानि पर विचार करके बिना किसी दवाब के स्वेच्छा से एक – दुसरे के पक्ष में लिख दिया और इस दस्तावेज के प्रत्येक पृष्ट पर अपना – अपना हस्ताक्षर बनाया है, जिसकी सम्पुटी में गवाहों ने भी अपना – अपना हस्ताक्षर बनाया है, ताकि भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न होने पर इसे प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सके।
अत: यह दस्तावेज तीन मूल प्रति में तैयार किया गया है जिसकी एक-एक प्रति दोनों पक्षों के पास और एक प्रति ट्रस्ट कार्यालय में प्रमाण के लिए रहेगा।
गवाह का हस्ताक्षर
(xxxxx कुमार)
प्रथम–पक्ष का हस्ताक्षर
- xxxxx देवी (लड़की की बहन)
- xxxx पासवान (लड़की के पिता) (xxxxx कुमारी)
द्वितीय–पक्ष का हस्ताक्षर
सील & सिग्नेचर
डिस्प्यूट-ईटर
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