Criminal Appeal No. 07/2020
SLP No. 106/2017
Date of Judgement 06.01.2020
Ruhi V/s Anees Ahmad & others
पत्नी वैवाहिक घर छोड़ने के बाद किसी भी स्थान पर आपराधिक शिकायत दर्ज करा सकती है सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपरोक्त मामलें में दोहराया गया। उपरोक्त मामलें मे दिल्ली की रहनेवाली आवेदक (पत्नी) की शादी मेरठ निवासी विपक्षी (पति) से हुई थी। आवेदक के अनुसार मेरठ में उसके पति और परिवार के अन्य सदस्य एकमत होकर दहेज के लिए प्रतारित किया था। आवेदक मेरठ से दिल्ली आकर अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों के विरुद्ध FIR दर्ज कारवाई थी।
विपक्षी नें दिल्ली उच्च न्यायालय में FIR को निरस्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। विपक्षी का तर्क था कि तमाम घटनायें मेरठ में घटित हुई अतः दिल्ली में दर्ज FIR निरस्त होना चाहिए। दिल्ली उच्च न्यायालय विपक्षी के आवेदन को निरस्त कर दिया, हालाँकि माननीय न्यायालय नें FIR को दिल्ली से मेरठ अंतरित करने का आदेश पारित किया।
Transfer आदेश से व्यथित होकर पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाई।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय नें रूपाली देवी बनाम उत्तर प्रदेश के मामले में पारित आदेश को दुहराते हुए कहा कि भले ही शारीरिक क्रूरता मेरठ में की गई हो, परंतु इसमें कोई शक नहीं है कि मानसिक आघात और मनोवैज्ञानिक तनाव उसको पति के घर से निकालें के लिए मजबूर कर दिया और वह शारीरिक क्रूरता और अपमानजनक शब्द से उत्पन्न मानसिक क्रूरता महिला के माता-पिता के घर में रहते हुए भी महिला के मन मे विद्यमान रहता है। अतः पत्नी वैवाहिक घर छोड़ने के बाद किसी भी स्थान पर आपराधिक शिकायत दर्ज करा सकती है।
For detail judgement kindly click the link below: –
https://main.sci.gov.in/supremecourt/2016/23549/23549_2016_11_33_19309_Order_06-Jan-2020.pdf
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