• Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Menu
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Search
Close
Home Judgement

पत्नी वैवाहिक घर छोड़ने के बाद किसी भी स्थान पर आपराधिक शिकायत दर्ज करा सकती है: सुप्रीम कोर्ट।

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
September 17, 2020
in Judgement
0
Maintenance to a working lady with sufficient Salary Not permissible- SC
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp

Criminal Appeal No. 07/2020
SLP No. 106/2017
Date of Judgement 06.01.2020
Ruhi V/s Anees Ahmad & others

पत्नी वैवाहिक घर छोड़ने के बाद किसी भी स्थान पर आपराधिक शिकायत दर्ज करा सकती है सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपरोक्त मामलें में दोहराया गया। उपरोक्त मामलें मे दिल्ली की रहनेवाली आवेदक (पत्नी) की शादी मेरठ निवासी विपक्षी (पति) से हुई थी। आवेदक के अनुसार मेरठ में उसके पति और परिवार के अन्य सदस्य एकमत होकर दहेज के लिए प्रतारित किया था। आवेदक मेरठ से दिल्ली आकर अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों के विरुद्ध FIR दर्ज कारवाई थी।

विपक्षी नें दिल्ली उच्च न्यायालय में FIR को निरस्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। विपक्षी का तर्क था कि तमाम घटनायें मेरठ में घटित हुई अतः दिल्ली में दर्ज FIR निरस्त होना चाहिए। दिल्ली उच्च न्यायालय विपक्षी के आवेदन को निरस्त कर दिया, हालाँकि माननीय न्यायालय नें FIR को दिल्ली से मेरठ अंतरित करने का आदेश पारित किया।
Transfer आदेश से व्यथित होकर पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाई।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय नें रूपाली देवी बनाम उत्तर प्रदेश के मामले में पारित आदेश को दुहराते हुए कहा कि भले ही शारीरिक क्रूरता मेरठ में की गई हो, परंतु इसमें कोई शक नहीं है कि मानसिक आघात और मनोवैज्ञानिक तनाव उसको पति के घर से निकालें के लिए मजबूर कर दिया और वह शारीरिक क्रूरता और अपमानजनक शब्द से उत्पन्न मानसिक क्रूरता महिला के माता-पिता के घर में रहते हुए भी महिला के मन मे विद्यमान रहता है। अतः पत्नी वैवाहिक घर छोड़ने के बाद किसी भी स्थान पर आपराधिक शिकायत दर्ज करा सकती है।

For detail judgement kindly click the link below: –
https://main.sci.gov.in/supremecourt/2016/23549/23549_2016_11_33_19309_Order_06-Jan-2020.pdf

Adv. Dilip Kumar

  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp
Previous Post

रिश्तों के फूल

Next Post

हैप्पी फॅमिली

Adv. Dilip Kumar

Adv. Dilip Kumar

Next Post
Happy Family

हैप्पी फॅमिली

Discussion about this post

Cases Resolved by the DE

Full-Stop No. 18/2025 (Family-Dispute)

Full-Stop No. 18/2025 (Family-Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
May 6, 2025
0

Dispute-Eater Run & managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Full Stop No. 17/2025 (Property – Dispute)

Full Stop No. 17/2025 (Property – Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
April 11, 2025
0

Dispute-Eater Run and managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Full-Stop No. 16/2025 (Family-Dispute)

Full-Stop No. 16/2025 (Family-Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
April 3, 2025
0

Dispute-Eater Run & managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Load More

Latest Articles on DE

कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार।

कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार।

by Adv. Dilip Kumar
April 21, 2025
0

"कैमरे के फ़्लैश में धुंधले होते वैवाहिक संस्कार" भारत में...

दाम्पत्य संबंध या तलाक, किधर जा रहे है आप।

दाम्पत्य संबंध या तलाक, किधर जा रहे है आप।

by Adv. Dilip Kumar
April 6, 2025
0

लिषा, एक सुंदर और बुद्धिमान लड़की, का जन्म मुजफ्फरपुर जिले...

“डिस्प्यूट-ईटर: पारिवारिक विवादों में निःशुल्क सहायता की एक नई उम्मीद”

“डिस्प्यूट-ईटर: पारिवारिक विवादों में निःशुल्क सहायता की एक नई उम्मीद”

by Adv. Dilip Kumar
February 23, 2025
0

प्रत्येक रविवार को मैं अपने गाँव छपरा मेघ जाता हूँ,...

Judgement from the Court

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

January 7, 2023
बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

September 19, 2022
नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

November 24, 2021
Load More
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Facebook Twitter Youtube Linkedin
© 2019-2022 – Dispute Eater

Run & Managed by – RAM YATAN SHARMA MEMORIAL TRUST®

made with love at Ambit Solutions (7488039982)
WhatsApp chat