Dispute-Eater
Run & Managed by
Ram Yatan Sharma Memorial Trust
Muzaffarpur.
Full Stop No. 11/2022
(Family – Dispute)
Date of Compromise- 02.08.2022
Court Case Details:
Name of the Court: – CJM East Champaran Motihari, Bihar
Complaint Case No. 1509/2021
Name of the Petitioner: – XXXXXXXXX (Mother-in-law)
Name of the Accused: – XXXXXXXX (Daughter-in-law)
Address of the (Daughter-in-law)- XXXXXXXX S/o Shri XXXXXXXXXX
Permanently Residing at :- Mohalla – XXXXXXXXX
Ps- Kanti, PO- Damodarpur, District- Muzaffarpur, Pin- 843113
Address of the Mother-in-law – XXXXXXXXX W/o Shri XXXXXXXXX
A Resident of Mohalla/Village- XXXXXX
Motihari, District- East Champaran, Pin- 845401.
Several meetings were held in the office Dispute-Eater Muzaffarpur in presence of the guardian of the parties and ultimately it was decided that the marriage should be dissolved. And in this way, the dispute between the parties come to a full-Stop.
A separate settlement agreement was executed and signed by the parties and their guardian which is as follows:-
विवाह के विघटन के लिए समझौता
(Agreement for dissolution of Marriage)
XXXXXXX कुमारी उम्र करीब 27 साल पुत्री श्री XXXXXXX चौधरी, वर्तमान निवास – XXXXXXX, एनएच 28, भारत पेट्रोलियम के पास, पोस्ट – दामोदरपुर, थाना – कांटी, जिला- मुजफ्फरपुर मोबाइल नंबर-XXXXXXXXX, आधार संख्या XXXXXXXXXX जिनको इस विलेख में इसके बाद प्रथम पक्ष कहा जायेगा। …………………………….प्रथम पक्ष
और
श्री XXXXXXXX पुत्र श्री XXXXXXXX ठाकुर आयु लगभग 34 वर्ष मोहल्ला-XXXXXXXXXXX, पोस्ट-टाउन, थाना-टाउन, जिला- मोतिहारी, पिन-845401, वर्तमान निवास – XXXXXXXXXX असम पिन- 781039. मोबाईल संख्या XXXXXXXX आधार संख्या XXXXXXXXX जिनको इस विलेख में इसके बाद द्वितीय पक्ष कहा जायेगा। ……………………………….द्वितीय पक्ष।
विलेख की प्रकृति : – विवाह के विघटन के लिए समझौता।
यह कि प्रथम पक्ष और द्वितीय पक्ष दोनों वयस्क है, प्रथम पक्ष का जन्म तिथि दिनांक XXXXXX है और द्वितीय पक्ष का जन्म तिथि दिनांक XXXXXXX है। द्वितीय पक्ष M.Tech. है और वर्तमान में IIT गुवाहटी से पीएचडी कर रहे है। प्रथम पक्ष M.Com तक की शिक्षा ग्रहण किए हुए है और वर्तमान में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही है। दोनों पक्षों की शादी हिन्दू रीती-रीवाज के अनुसार दिनांक 12.06.2019 को प्रथम पक्ष के घर पर संपन्न हुई थी। शादी के दूसरे दिन यानि दिनांक 13.06.2019 को विदागरी के पश्चात्, प्रथम पक्ष, द्वितीये पक्ष के घर आई। परन्तु दोनों पक्ष का वैवाहिक सम्बन्ध मधुर नहीं रहा। दोनों पक्षों के बीच मनमुटाव की स्थिति पैदा हो गई और दोनों पक्ष दिनांक 19.02.2020 से अलग रह रहे है। दोनों पक्षों के परिवार के लोग और संबंधियों ने काफी प्रयास किया परन्तु दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं हो सका। और अंततः मामला न्यायालय में पहुँच गया। प्रथम-पक्ष द्वारा दो वाद व्यवहार न्यायालय मुजफ्फरपुर में प्रस्तुत किया गया जिसका विवरण नीचे है:-
- Maintenance Case No. 115/2021
- Complaint Case No. 293/2021
द्वितीय – पक्ष द्वारा एक वाद व्यवहार न्यायालय मोतीहारी में प्रस्तुत किया गया जिसका विवरण नीचे है:-
- Matrimonial Case No. 349/2021 (U/s 09 of HM Act)
द्वितीय-पक्ष की माँ XXXXXXXX कुमारी द्वारा एक वाद व्यवहार न्यायालय मोतीहारी में प्रस्तुत किया गया जिसका विवरण नीचे है:- i. Complaint Case No. 1509/2021
दोनों पक्षों ने यह स्वीकार किया है कि उपरोक्त वाद के आलावे अन्य कोई वाद किसी भी पक्षकार या उनके रिस्तेदार द्वारा किसी अन्य न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है।
दोनों पक्षों के बीच के विवाद को समाप्त करने के लिए दिनांक 10.07.2022 को प्रथम पक्ष और उनके पिता श्री XXXXXXX , भाई श्री XXXXXX चौधरी और द्वितीय पक्ष और उनके पिता श्री XXXXXX ठाकुर एवं मां श्रीमती XXXXXX कुमारी और राम यतन शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव दिलीप कुमार के बीच एक बैठक की गई। पुनः दिनांक 25.07.2022 को एक बैठक की गई, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्ष का दाम्पत्य सम्बन्ध पूर्णत: समाप्त (विवाह-विघटन) हो जाए इसी में भलाई है। दोनों – पक्षों के बीच आपसी सहमति से विवाद के समाधान हेतु निर्णय लिया है जो निम्नलिखित है:-
- यह कि प्रथम पक्ष की ओर से द्वितीय पक्ष से अपने स्थायी निर्वाह – व्यय और भरण-पोषण के रूप में कुल 19,00,000.00 रुपया (उन्नीस लाख रु० मात्र) देने की अनुरोध किया गया जिसे द्वितीय पक्ष ने स्वीकार कर लिया।
- यह कि उपरोक्त राशि तीन किश्तों में केवल/चेक बैंक ड्राफ्ट द्वारा ही प्रथम-पक्ष को दी जाएगी।
- यह कि द्वितीय पक्ष 4,000,00.00 (चार लाख रुपया) का एक चेक (चेक संख्या 591851 बैंक का नाम इंडियन ओवर्सीस बैंक) अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी पच्छमी मुजफ्फरपुर (परिवाद संख्या 293/2021) में अपने जमानत आवेदन के साथ जमा करेंगे, जिसको प्रथम-पक्ष न्यायालय के आदेशानुसार प्राप्त कर लेंगे।
- यह कि दोनों पक्ष सहमति से विवाह – विच्छेद की डिक्री हेतु परिवार न्यायालय मुजफ्फरपुर में वाद प्रस्तुत करेंगे। सहमति से विवाह – विच्छेद के वाद के Admission/First Motion की तिथि को द्वितीय-पक्ष 4,000,00.00 (चार लाख रुपया) का बैंक ड्राफ्ट न्यायालय में जमा करेंगे और उस बैंक ड्राफ्ट को प्रथम-पक्ष न्यायालय के आदेशानुसार प्राप्त कर लेंगी।
- यह कि शेष 11,000,00.00 (ग्यारह लाख रुपया) का बैंक ड्राफ्ट द्वितीय – पक्ष अपनी मुख्य-परीक्षण के शपथ-पत्र (गवाही)/ (02nd Motion) के साथ प्रस्तुत करेंगे और प्रथम पक्ष न्यायालय में सहमति से विवाह -विच्छेद के विंदु पर अपनी गवाही दे देने के बाद न्यायालय के आदेशानुसार उक्त ड्राफ्ट को प्राप्त करने का हकदार होंगी।
- यह कि द्वितीय – पक्ष और उनके माँ द्वारा मोतीहारी में प्रस्तुत उपरोक्त दोनों वाद को वापस कर लेंगे। प्रथम – पक्ष मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में प्रस्तुत भरण-पोषण का वाद वापस ले लेंगे।
- यह कि प्रथम-पक्ष द्वारा मुजफ्फरपुर न्यायालय में प्रस्तुत वाद Complaint Case No. 293/2021 को न्यायिक प्रक्रिया द्वारा समाप्त करवाने में द्वितीय-पक्ष को पूर्ण सहयोग करेगी।
- यह कि उपरोक्त दोनों वाद के न्यायिक निष्पादन में जब कभी भी पक्षकारों के सदेह उपस्थिति की जरूरी पड़ेगी, दोनों पक्ष अपने खर्चे पर उपस्थित रहेंगे।
- यह कि प्रथम – पक्ष उपरोक्त उन्नीस-लाख रुपया के आलावे अन्य कोई भी वस्तु द्वितीय-पक्ष से प्राप्त करने का हकदार नहीं होंगे।
- यह कि यदि द्वितीय-पक्ष उपरोक्त उन्नीस-लाख रुपया के भुगतान में विलंब/टाल-मटोल करेंगे तो प्रथम-पक्ष को उचित कानूनी कार्यवाही करने का हक होगा।
- यह कि दोनों पक्ष का एक दूसरे के यहाँ अब कोई समान/बस्तु/स्त्रीधन/ उपहार नहीं है।
- यह कि दोनों पक्ष भविष्य में कभी भी एक दूसरे के बिरुद्ध किसी प्रकार का दावा या आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगांयेंगे।
- यह कि दोनों पक्ष, एक दुसरे के बिरुद्ध दहेज़ प्रतारणा से सम्बंधित कोई वाद, भरण – पोषण से सम्बंधित कोई वाद, द्विविवाह से सम्बंधित कोई वाद या अन्य किसी प्रकार का कोई वाद कभी भी प्रस्तुत नहीं करेंगे। यदि वाद प्रस्तुत करते है तो वह नाजायज होगा। यदि प्रथम पक्ष किसी प्रकार का वाद लाता है तो द्वितीये पक्ष को, और यदि द्वितीये पक्ष वाद लाता है तो प्रथम पक्ष को इसके लिए हर्जाना एवं मानहानि का वाद प्रस्तुत करने का अधिकार हो जायेगा।
- यह कि दोनों पक्ष एक – दुसरे की पैत्रिक या स्वर्जित संपत्ति में कभी भी किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करेंगे।
अत: इस दस्तावेज को विवाह के विघटन के लिए समझौता-पत्र के तौर पर लिख दिया गया जो तीन मूल प्रति में तैयार की गयी है, जिसकी एक–एक प्रति दोनों पक्षो के पास और एक प्रति ट्रस्ट कार्यालय में प्रमाण के लिए रहेगा।
यह कि दोनों पक्षों ने सहमति से अपने तन – मन की स्वस्थ्य अवस्था में अपने–अपने लाभ-हानि पर विचार करके बिना किसी दवाब के स्वेक्षा से विवाह के विघटन के लिए समझौता–पत्र, अंतर्वस्तु को खुद पढ़कर और समझकर अपना-अपना फोटो चिपकाकर और अपने–अपने पहचान पत्र की छाया – प्रति संलग्न करके इस दस्तावेज के प्रत्येक पृष्ट पर अपना – अपना हस्ताक्षर बनाया है, जिसकी सम्पुटी में गवाहों ने भी अपना–अपना हस्ताक्षर बनाया है, ताकि भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न न किया जा सके।
अत: यह दस्तावेज लिख दिया गया ताकि प्रमाण रहे और समय पर काम आये ।
(XXX कुमारी)
गवाह का हस्ताक्षर प्रथम–पक्ष का हस्ताक्षर
(1)
(XXXX)
(2) द्वितीय–पक्ष का हस्ताक्षर
S/d
Dispute-Eater
Date – 02.08.2022
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