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Full Stop No. 13/2020 (Family Dispute)

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
January 8, 2021
in Resolve by DE
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Full Stop No. 13/2020 (Family Dispute)
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Ram Yatan Sharma Memorial Trust
A Public Charitable Trust
Muzaffarpur
Full Stop No. 13/2020
(Family Dispute)

Date of Compromise: – 25.12.2020
Court’c Case Detail:- 
Name of the Court:- Hon’ble Patna High Court Patna
MJC No. 4427/2019
Name of the Petitioner:- XXXXXXXXXX
Name of the Respondent:-XXXXXXXXX
Name of the Hussband :- XXXXXXXXXXX  उम्र – 30  वर्ष, पुत्र श्री XXXXXXXXXXXX  निवासी मोहल्ला/ग्राम – XXXXXXXXX रोड, थाना –  नगर, ज़िला – मुजफ्फरपुर  जिनको इस समझौता – पत्र में इसके बाद प्रथम-पक्ष कहा जाएगा।

और

Name of the Wife: – श्रीमति XXXXXXXXXX उम्र लगभग 22 वर्ष पत्नी श्री XXXXXXXXXX  पुत्री श्री XXXXXXXXXX निवासी XXXXXXXX नेत्र अस्पताल के पास पो- दिगघा जिला- पटना बिहार – 800012  जिनको इस समझौता – पत्र में इसके बाद द्वितीय-पक्ष कहा जाएगा।

स्वीकृत-तथ्य 

प्रथम-पक्ष द्वारा विवाह विच्छेद वाद संख्या 258/2019 जो परिवार न्यायालय मुजफ्फरपुर के यहाँ लंबित है,  द्वितीय-पक्ष द्वारा भरण-पोषण का वाद 277/2019 जो परिवार न्यायालय पटना और MJC No. 4427/2019 जो माननीय पटना उच्च न्यायालय में लंबित है उसे समझौता द्वारा समाप्त करने हेतु आज ट्रस्ट कार्यालय में बैठक की गई । बैठक सफल रही। दोनों-पक्ष नीचे वर्णित शर्तों पर साथ-साथ रहने पर सहमत हुए और एक समझौता-पत्र तैयार हुआ जो प्रकार है।

समझौता-पत्र

पक्ष और द्वितीय पक्ष दोनों पति-पत्नी है। दोनों पक्षों की शादी हिन्दू रीती – रीवाज के अनुसार दिनांक 10.12.2017 को  द्वितीय – पक्ष के आवास पर संपन्न हुई थी। शादी के दूसरे दिन यानि दिनांक 11.12.2017 को विदागरी के पश्चात् द्वितीय पक्ष, प्रथम पक्ष के घर आई।

प्रथम  – पक्ष का कथन

प्रथम पक्ष का कहना है कि शादी के दिन तीन लाख का गहना लेकर शादी करने गये थे और उक्त गहना को द्वितीय पक्ष की माँ को दिया था परंतु उसी दिन वह सम्पूर्ण गहना गायब हो गया था। उनका कहना है कि द्वितीय पक्ष समय पर खाना नहीं बनाती है, बिना डॉक्टर के सलाह के अपनी ईच्छा से दवा खा लेती है और देर तक सोये रहती है, वह होटल का खाना पसंद करती है, दिन में लगभग 18 घंटा तक अपनी माँ से बात करती है, बिना किसी कारण के अपनी माता – पिता को ससुराल में बुला लेती है और प्रथम पक्ष को जलील करवाती है, मना करने पर काफी गुस्सा हो जाती है, एक कमरा में खुद को बंद कर लेती है, आत्महत्या की धमकी देती है और झूठे दहेज प्रतारणा के मुकदमा करके द्वितीय-पक्ष और उनके परिवार के सदस्यों को जेल की हवा खिलाने की धमकी देती है। प्रथम पक्ष का यह भी आरोप है कि दिनांक 29.05.2019 को प्रथम पक्ष के भाई की शादी हुई थी, जिसमें वह नहीं आई। चूंकि वह प्रथम पक्ष के पास नहीं रहने रहना चाहती है अतः प्रथम पक्ष ने परिवार न्यायालय  मुजफ्फरपुर में विवाह – विच्छेद का वाद जिसका क्रमांक 258/2019 है प्रस्तुत किया है जो वर्तमान में निष्पादन हेतु लंबित है।

द्वितीय – पक्ष का कथन

द्वितीय पक्ष का कहना है कि उनके माता-पिता और सगे संबंधी शादी में लगभग दो लाख का उपहार दिए, परंतु प्रथम-पक्ष और उनके माता-पिता दो लाख रुपया नगद और सोने की सिकड़ी की मांग करने लगे और नहीं देने पर प्रतारित करते थे और अंततः दिनांक 17.02.2019 को उसका सम्पूर्ण गहना यह कहते हुए कि कही रखा गया है पुनः माइके से मांग कर ले आओ और उसे पटना पहुंचा दिए तब से वह पटना में ही रहती चली आ रही है। उसका आगे कहना है कि उसे आमदनी का कोई सधान नहीं है अतः उसने परिवार न्यायालय पटना में अपने भरण-पोषण के लिए एक वाद (Maintenance Case No. 277/2019) प्रस्तुत किया है जो अभी लंबित है। साथ-ही साथ प्रथम-पक्ष द्वारा विवाह विच्छेद हेतु प्रस्तुत वाद को मुजफ्फरपुर से पटना स्थानांतरित करने हेतु वाद प्रस्तुत किया है (MJC No. 4427/2019) जो माननीय पटना उच्च न्यायालय में लंबित है।

दोनों – पक्षों के  बीच लंबित विवाद को समाप्त करने हेतु आज दिनांक 25.12.2020 को दोनों पक्ष, उनके माता-पिता और द्वितीय – पक्ष के मौसेरा भाई सुमित कुमार दास ट्रस्ट कार्यालय में उपस्थित हुए। दोनों-पक्ष और उपस्थित उपरोक्त लोगों के समक्ष समझौता हो गया जो निम्नलिखित है:-

  1. यह कि दोनों पक्षों नें यह स्वीकार किया है कि शादी के समय प्रथम – पक्ष द्वारा उपरोक्त तीन लाख का गहना शादी के मंडप से गायब हो गया था।
  2. यह कि खरमास के बात प्रथम पक्ष, द्वितीय-पक्ष, को सम्मान पूर्वक पटना से बुलाकर ले आएंगे और तब के बाद द्वितीय – पक्ष अपने ससुराल में रहेंगी।
  3. यह कि प्रथम-पक्ष अपनी पत्नी (द्वितीय-पक्ष) को पूरे मान -सम्मान के साथ अपने साथ रखेंगे। दोनों पक्ष कोई वैसा कार्य नहीं करेंगे जिससे एक-दूसरे को तकलीफ हो।
  4. यह कि दोनों पक्ष आगे एक-दूसरे के साथ किसी भी प्रकार का झगड़ा नहीं करने का वादा करते है साथ ही साथ यह वादा भी करते है की परिवार की मर्यादा को हर परिस्थिति में कायम रखेंगे।
  5. यह कि प्रत्येक वृहस्पतिवार को प्रथम पक्ष अपना अधिकांश समय अपनी पत्नी के साथ ही बिताएंगे।
  6. यह की दोनों पक्ष प्रेम पूर्वक रहेंगे, एक दूसरे को अपमानित, परेशान या पूर्व की बात को लेकर कोई मुकदमा नहीं करेंगे।
  7. यह कि द्वितीय – पक्ष जब भी माइके जायेगी अपनी पति की सहमति से ही जायेगी।
  8. यह कि द्वितीय-पक्ष के माता-पिता जब भी प्रथम-पक्ष के घर आएंगे, प्रथम-पक्ष की सहमति से ही आएंगे।
  9. यह कि द्वितीय-पक्ष को जब भी दवा की जरूरत हो डॉक्टर की सलाह से ही खाएंगे। डॉक्टर के पास ले जाने की जबाबदेही प्रथम पक्ष पर होगी।
  10. यह कि चाहे कितना भी गुस्सा क्यों न आए द्वितीय- पक्ष कमरा के अंदर जाकर कमरा को अंदर से बंद नहीं करेगी।
  11. यह कि दोनों पक्ष एक दूसरे के माता-पिता का सम्मान करेंगे।
  12. यह कि प्रथम-पक्ष विवाह विच्छेद वाद संख्या 258/2019 जो परिवार न्यायालय मुजफ्फरपुर के यहाँ लंबित है उसे वापस ले लेंगे।
  13. यह कि द्वितीय-पक्ष भरण-पोषण का वाद 277/2019 जो परिवार न्यायालय पटना और 4427/2019) जो माननीय पटना उच्च न्यायालय में लंबित है उसे भी वापस ले लेंगे।
    दोनों पक्षों ने सहमति से अपने तन – मन की स्वस्थ्य अवस्था में अपने – अपने लाभ – हानि  पर विचार करके बिना किसी दवाब के स्वेच्छा से एक – दुसरे के पक्ष में लिख दिया जिसपर दोनों पक्ष अपना – अपना फोटो चिपकाकर और अपने – अपने पहचान पत्र की छाया – प्रति संलग्न करके इस दस्तावेज के प्रत्येक पृष्ट पर अपना – अपना हस्ताक्षर बनाया है, जिसकी सम्पुटी में गवाहों ने भी अपना – अपना हस्ताक्षर बनाया है, ताकि भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न होने पर इसे प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सके।
    अत: यह दस्तावेज तीन मूल प्रति में तैयार किया गया है जिसकी एक-एक प्रति दोनों पक्षों के पास और एक प्रति ट्रस्ट कार्यालय में प्रमाण के लिए रहेगा।

गवाह का हस्ताक्षर

                                                          प्रथम–पक्ष का हस्ताक्षर

  1.           द्वितीय–पक्ष का हस्ताक्षरहस्ताक्षर
    दिलीप कुमार
    (सचिव)

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